लखनऊ। राजधानी लखनऊ में पेट्रोल – डीजल (Petrol-Diesel) के बढ़े दामों का असर दिख रहा है। लोग अपने वाहन को घर पर छोड़कर सिटी बसों का सहारा ले रहे हैं। इस दौरान बसों का लोड फैक्टर 50 फीसदी से ज्यादा दर्ज किया गया है, जिससे आने वाले दिनों में सिटी बस की आय में और भी इजाफा होने की उम्मीद है।
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पेट्रोलियम कम्पनियों ने डीजल और पेट्रोल (Petrol-Diesel) के दाम बढ़ाने शुरू कर दिए, इधर यात्रियों की कमी से जूझ रही सिटी बसों में यात्रियों की संख्या में इजाफा हो गया। ईंधन की कीमतों में बढ़ोतरी का सीधा असर लोगों के निजी वाहन के प्रयोग पर पड़ा है।
पेट्रोल (Petrol-Diesel) के दाम लगातार बढ़ने से लोग अपना निजी वाहन घर पर छोड़ सार्वजनिक परिवहन के साधनों का उपयोग करने के लिए मजबूर हुए हैं। राजधानी में सार्वजनिक परिवहन के रूप में संचालित होने वाली सिटी बसें तो यही कहानी बयां कर रही हैं। फरवरी माह में सिटी बसों में यात्रियों की बढ़ती संख्या इस ओर इशारा कर रही है।
छह से सात फीसद बढ़े यात्री
लखनऊ सिटी ट्रांसपोर्ट सर्विसेज लिमिटेड के अधिकारियों के मुताबिक यात्रियों के सिटी बस में सफर का बीते एक फरवरी से 23 फरवरी तक का जो आंकड़ा सामने आया है, उसके अनुसार यात्रियों की संख्या में लगातार इजाफा हो रहा है। फरवरी 2020 के आंकड़े से तुलना की जाए तो इसमें करीब छह से सात प्रतिशत तक की बढ़ोतरी दर्ज की गई है। यानी बीते वर्ष की तुलना में इस वर्ष के फरवरी माह में सिटी बस में करीब सात फीसद अधिक यात्रियों ने यात्रा की है।
सभी बसें हो रहीं संचालित
लखनऊ सिटी ट्रांसपोर्ट सर्विसेज लिमिटेड के दुबग्गा और गोमती नगर डिपो से बसों का संचालन किया जाता है। इसमें गोमती नगर डिपो से सीएनजी और दुबग्गा बस डिपो से इलेक्ट्रिक के साथ सीएनजी बसें भी संचालित की जाती हैं। वर्तमान में गोमती नगर डिपो से जहां कुल 122 सीएनजी बसें राजधानी के विभिन्न मार्गों पर संचालित की जा रही हैं तो दुबग्गा डिपो से 94 सीएनजी के साथ ही 40 इलेक्ट्रिक बस भी संचालित हो रही हैं। इस प्रकार राजधानी के विभिन्न मार्गों पर सीएनजी और इलेक्ट्रिक मिलाकर कुल 256 बसें संचालित की जा रही हैं।