प्रवर्तन निदेशालय ने झारखंड के पूर्व मंत्री अनोश एक्का की 6,25,000 रुपये की संपत्ति कुर्क की है, जिन्हें रांची की विशेष अदालत ने 22,38,40,247.92 रुपये के मनी लॉन्ड्रिंग मामले में सात साल के कठोर कारावास की सजा और 2 करोड़ रुपये का जुर्माना भरने को कहा है। अगर वो 2 करोड़ रुपये के जुर्माने का भुगतान नहीं करते हैं, तो उन्हें एक साल की अतिरिक्त कारावास की सजा भुगतनी होगी।
वर्ष 2005 में पहली बार कोलेबिरा से विधायक बनने के बाद एनोस एक्का अर्जुन मुंडा के नेतृत्व में बनने वाली सरकार में कैबिनेट मंत्री बने थे। इसके बाद पुन: मधु कोडा की सरकार में भी मंत्री रहे। इसी बीच 26 नवंबर 2008 को पूर्व मंत्री एनोस एक्का और उनकी पत्नी मेनोन एक्का सहित परिवार के छह लोगों के खिलाफ भ्रष्टाचार निरोधक कानून के तहत केस दर्ज किया गया। उनपर यह आरोप लगा था कि उन्होंने अपने पद का दुरुपयोग कर भारी मात्रा में चल और अचल संपत्ति अर्जित की हैं। इसके बाद 5 अक्टूबर 2009 को निगरानी कोर्ट में इनके खिलाफ चार्जशीट दाखिल कर जांच शुरू की। 56 गवाहों के बयान दर्ज हुए और आरोपों को सही पाया गया।
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पूर्व मंत्री एनोस एक्का के आय से अधिक संपत्ति का मामला जब उस समय तूल पकड़ा तो झारखंड हाईकोर्ट के आदेश पर CBI ने पूरे मामले को टेकओवर किया और अपने स्तर से जांच शुरू की। जांच में CBI ने भी पूर्व मंत्री एनोस एक्का के साथ अन्य लोगों के खिलाफ 16 जनवरी 2012 को चार्जशीट दाखिल करते हुए यह जानकारी दी कि एनोस एक्का के साथ अन्य लोगों ने मिलकर गलत तरीके से आय से अधिक संपत्ति अर्जित की है।