नई दिल्ली। मौजूदा समय में देश के हर क्षेत्र में मंदी छाई हुई है। जुलाई-सितंबर, 2019 की तिमाही के दौरान भारत की आर्थिक विकास दर घटकर महज 4.5 फीसदी रह गई, जो लगभग साढ़े छह साल का निचले स्तर पर आ गई है। इतना ही नहीं, क्रेडिट एजेंसिंया भारत की विकास दर के अनुमान को लगतार घटा रही हैं। हालांकि, इस सबके बावजूद भारत में करोड़ों रुपये सालाना कमाने वाले सीईओ की संख्या में बढ़ोत्तरी हुई है।
मिलियन डॉलर सीईओ क्लब में 22 नए सदस्य जुड़े
वित्त वर्ष 2019 में मिलियन डॉलर सीईओ क्लब में 22 नए सदस्यों की एंट्री हुई है। मंदी के बाद भी सीईओ की संख्या में पिछले चार सालों से इजाफा हो रहा है। एक सीईओ का वेतन आम तौर पर एक मिलियन डॉलर यानी सात करोड़ रुपये सालाना होता है। इस साल ऐसे सीईओ की संख्या में 18 फीसदी बढ़ोत्तरी हुई है। 2016 में मिलियन डॉलर सीईओ क्लब में 119 सीईओ शामिल थे, 2017 में 120, 2018 में 124 और 2019 में 146 हो गए है।
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सीईओ के टोटल कंपन्सेशन में भी बढ़ोत्तरी
टाइम्स ऑफ इंडिया की खबर के अनुसार, मिलियन डॉलर पानेवाले सीईओ क्लब का वेतन 2,158 करोड़ से बढ़कर 2,457 करोड़ रुपये हो गया है। इसमें 14 फीसदी का इजाफा हुआ है। हालांकि औसत सीईओ का पैकेज 16.8 करोड़ रहा। इस क्लब में औरतों की संख्या दो फीसदी है। सीईओ के टोटल कंपन्सेशन में भी बढ़ोतरी देखी गई। साल 2016 में यह 2,083 करोड़ रुपये था, 2017 में 1,979 करोड़ रुपये।
नए सीईओ में से इन्होंने लगाई सबसे ऊंची छलांग
इस सूची में शामिल हुए नए सीईओ में से सबसे ऊंची छलांग इंफोसिस के सीईओ सलील पारेख ने लगाई है। उनके कंपन्सेशन में 300 फीसदी से ज्यादा की बढ़ोत्तरी हुई है। पिछले वित्त वर्ष में चार करोड़ रुपये का कंपन्सेशन मिला था, जो अब 17 करोड़ रुपये हो गया है।