कोलकाता। पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी (Mamata Banerjee) नंदीग्राम सीट से चुनाव लड़ रही हैं। 1 अप्रैल को यहां वोटिंग थी। ममता (Mamata Banerjee) ने आरोप लगाया था कि सेंट्रल फोर्स के जवान वोट डालने नहीं दे रहे हैं। इस पर शनिवार को चुनाव आयोग ने 6 पन्नों का जवाब दिया है।
- सीएम ममता बनर्जी (Mamata Banerjee) ने लगाया था गड़बड़ी का आरोप
- कहा था- सेंट्रल फोर्स लोगों को वोट नहीं डालने दे रही
- चुनाव आयोग ने 6 पन्नों में दिया जवाब
पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी (Mamata Banerjee) को चुनाव आयोग ने 6 पन्नों का जवाब भेजा है। ममता ने चुनाव आयोग से नंदीग्राम में वोटिंग के दौरान गड़बड़ी होने का आरोप लगाया था। उनका कहना था कि सेंट्रल फोर्स के जवानों ने लोगों को वोट नहीं डालने दिए। इन्हीं आरोपों पर चुनाव आयोग ने अपना जवाब दिया है। आयोग ने ममता के लगाए सभी आरोपों को खारिज करते हुए कहा कि वोटिंग के दौरान किसी तरह की कोई गड़बड़ी नहीं हुई। आयोग ने सबूत के तौर पर सीसीटीवी फुटेज का जिक्र भी किया।
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ममता (Mamata Banerjee) ने नंदीग्राम में प्राइमरी स्कूल में बने बूथ नंबर-7 में गड़बड़ी होने का आरोप लगाया था जिसके बाद आयोग ने इन आरोपों के जवाब में पूरी टाइमलाइन जारी की है। इस टाइमलाइन में सुबह साढ़े 5 बजे की मॉकड्रिल से लेकर 7 बजे से वोटिंग शुरू होने और शाम तक वोटिंग खत्म होने तक का सिलसिलेवार ब्योरा दिया है। आयोग ने कहा कि बूथ नंबर-7 में वोटिंग शुरू होने से पहले वहां मौजूद सभी प्रमुख राजनीतिक पार्टियों के पोलिंग एजेंट्स की मौजूदगी में मॉकड्रिल हुई और उसके बाद वोटिंग हुई।
आयोग ने ममता (Mamata Banerjee) के सभी आरोपों को नकारते हुए सीसीटीवी फुटेज के हवाले से भी कहा है कि वोटिंग प्रक्रिया में कोई गड़बड़ नहीं हुई है। आयोग ने कहा कि पूरी वोटिंग के दौरान बूथ नंबर-7 में बीजेपी, सीपीएम और एक निर्दलीय उम्मीदवार के एजेंट अंदर ही रहे। बाकी पार्टियों के एजेंट आते-जाते रहे। सीसीटीवी फुटेज इसका सबूत है। आयोग ने भी ये कहा ड्यूटी के दौरान सेंट्रल फोर्स के जवान न बूथ के अंदर गए और न ही किसी वोटर को अंदर जाने से रोका। चुनाव आयोग ने अपने जवाब के साथ ममता की चिट्ठी भी सार्वजनिक की है, जो उन्होंने आयोग को लिखी थी।
ममता ने क्या आरोप लगाए थे?
सीएम ममता बनर्जी (Mamata Banerjee) ने 1 अप्रैल को चुनाव आयोग से चिट्ठी लिखकर शिकायत की थी कि बूथ नंबर-7 में सेंट्रल फोर्स के जवानों ने वोटर को वोट डालने नहीं दिया। उस दिन ममता बूथ के बाहर धरने पर भी बैठ गई थीं। उन्होंने आरोप लगाया था कि बूथ पर बीजेपी ने बंदूकधारी गुंडे भी बुलाए थे।