S Jayshankar on Chabahar Day

वाणिज्यिक ही नहीं, मानवता के लिहाज से भी महत्वपूर्ण है चाबहार पोर्ट : एस जयशंकर

754 0
नई दिल्ली। भारत ने उम्मीद जताई कि अंतरराष्ट्रीय उत्तर दक्षिण परिवहन गलियारा (आईएनएसटीसी) समन्वय परिषद की बैठक में सदस्य देश गलियारे के मार्ग का विस्तार कर इसमें चाबहार (Chabahar Day) बंदरगाह को शामिल करने पर सहमत होंगे। विदेश मंत्री एस जयशंकर ने नौवहन भारत शिखर सम्मेलन से इतर आयोजित चाबहार दिवस (Chabahar Day) कार्यक्रम को संबोधित करते हुए यह बात कही।

भारत ने उम्मीद जताई कि अंतरराष्ट्रीय उत्तर दक्षिण परिवहन गलियारा (आईएनएसटीसी) समन्वय परिषद की बैठक में सदस्य देश गलियारे के मार्ग का विस्तार कर इसमें चाबहार बंदरगाह को शामिल करने पर सहमत होंगे। विदेश मंत्री एस जयशंकर ने नौवहन भारत शिखर सम्मेलन से इतर आयोजित चाबहार दिवस (Chabahar Day) कार्यक्रम को संबोधित करते हुए यह बात कही।

विदेश मंत्री ने कहा कि अंतरराष्ट्रीय उत्तर दक्षिण परिवहन गलियारा (आईएनएसटीसी) एक महत्वपूर्ण व्यापार गलियारा परियोजना है जिसमें भारत के साथ 12 देश लोगों के फायदे के लिये आर्थिक गलियारा स्थापित करने के उद्देश्य से सहयोग कर रहे है। उन्होंने कहा कि मुझे उम्मीद है कि अंतरराष्ट्रीय उत्तर दक्षिण परिवहन गलियारा समन्वय परिषद की बैठक में सदस्य देश गलियारे के मार्ग का विस्तार कर इसमें चाबहार बंदरगाह को शामिल करने पर सहमत हो जायेंगे। जयशंकर ने यह भी उम्मीद जतायी कि बैठक में इस परियोजना की सदस्यता के विस्तार पर भी सहमति बनेगी।

उन्होंने कहा कि वे इस बहुस्तरीय गलियारा परियोजना में शामिल होने के लिये उज्बेकिस्तान और अफगानिस्तान द्वारा रूचि दिखाए जाने का भी स्वागत करते हैं। विदेश मंत्री ने कहा कि भारत सरकार क्षेत्रीय सम्पर्क के महत्व को समझती है और इसी के मद्देनजर चाबहार में बंदरगाह के विकास के लिये निवेश का महत्वपूर्ण निर्णय किया गया।

उन्होंने कहा कि इस परियोजना पर पिछले काफी समय से चर्चा चल रही थी लेकिन साल 2016 में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की ईरान यात्रा के दौरान अंतरराष्ट्रीय परिवहन एवं पारगमन गलियारा स्थापित करने के लिये भारत, ईरान और अफगानिस्तान के बीच त्रिपक्षीय समझौता हुआ।

जयशंकर ने कहा कि परिवहन एवं पारगमन गलियारे का मकसद पूरे क्षेत्र में वाणिज्य का निर्बाध प्रवाह सुनिश्चित करना और शुरूआत में अफगानिस्तान और बाद में मध्य एशिया के साथ सुरक्षित एवं भरोसेमंद कारोबार का मार्ग स्थापित करना है।

विदेश मंत्री ने कहा कि आज भारत हमारे क्षेत्र में सम्पर्क को बेहतर बनाने के लिये सभी क्षेत्रीय पक्षकारों के साथ मिलकर काम करने की मजबूत प्रतिबद्धता प्रदर्शित करता है, साथ ही जमीन से घिरे मध्य एशिया के देशों को चाबहार के जरिये समुद्र तक निर्बाध पहुंच उपलब्ध करना चाहता है। उन्होंने कहा कि चाबहार बंदरगाह न केवल वाणिज्यिक पारगमन के केंद्र के रूप में उभरा है बल्कि मानवीय सहायता प्रदान करने में सहायक रहा है, खास तौर पर कोविड-19 महामारी के समय में।

विदेश मंत्री ने कहा कि यह बंदरगाह अफगानिस्तान के लोगों की समृद्धि, शांत एवं स्थिरता की हमारी साझी प्रतिबद्धता का हिस्सा है . भारत ने सितंबर 2020 में अफगानिस्तान को मानवीय खाद्य सहाता के तौर पर 75 हजार मीट्रिक टन गेहूं चाबहार बंदरगाह के जरिये पहुंचाया था। उन्होंने बताया कि इसके अलावा भारत ने जून 2020 में ईरान को टिड्डियों से मुकाबला करने के लिये 25 मीट्रिक टन कीटनाशक मालाथियान पहुंचाया था।

Related Post

भगवान बदरीनाथ धाम के कपाट खुले

भगवान बदरीनाथ धाम के कपाट खुले, वैदिक मंत्रोच्चार के साथ विधि-विधान से हुई पूजा

Posted by - May 15, 2020 0
देहरादून। उत्तराखंड में शुक्रवार को तड़के साढ़े चार बजे वैदिक मंत्रोच्चार के साथ भगवान बदरीनाथ धाम के कपाट खोल दिये…
Parambir Singh appeared before NIA

एंटीलिया केस में बड़ा खुलासा: परमबीर ने रिपोर्ट में करवाई थी छेड़छाड़

Posted by - September 9, 2021 0
एंटीलिया केस में एनआईए ने चार्जशीट में सचिन वाजे और अन्यों की साजिश का पर्दाफाश किया, जिसमें तत्कालीन मुंबई पुलिस…
Naxalite Sammaiya Sodi

खतरनाक नक्सली सम्मैया सोड़ी ने किया आत्मसमर्पण, आठ लाख का इनाम था घोषित

Posted by - March 21, 2024 0
सुकमा। छत्तीसगढ़ के सुकमा जिले में आठ लाख रुपये के इनामी नक्सली ने सुरक्षाबलों के सामने आत्मसमर्पण कर दिया है।…