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इनके हौंसलों के आगे दुनिया के सर्वोच्च शिखर भी बने बौने

हौंसला

हौंसला

नई दिल्ली। कहते हैं कि अगर हमारे लक्ष्य तय हो तो मंजिल खुद-ब-खुद करीब आ ही जाती है। हम बताने जा रहे हैं दुनिया के सर्वोच्च पर्वतों शिखर को फतेह करने का ऐसा ही लक्ष्य अपने सामने रखा जुड़वा बहनों नुंग्शी और ताशी मलिक की कहानी।

दुनिया की सात सबसे जटिलतम चोटियों पर तिरंगा फहरा चुकीं इन दोनों बहनों का नाम गिनीज बुक में भी दर्ज

जोश और जज्बे से लबरेज ये दोनों बहनें तब तक नहीं रुकीं जब तक उन्हें उनकी मंजिल मिल नहीं गई। आज पूरी दुनिया उनके हौंसले को सलाम कर रही है। दुनिया की सात सबसे जटिलतम चोटियों पर तिरंगा फहरा चुकीं इन दोनों बहनों का नाम गिनीज बुक में भी दर्ज है। दोनों पर्वतारोही बहनें दुनिया की मुश्किल और खतरनाक एडवेंचर रेस ईको चैलेंज में भी हिस्सा ले चुकी हैं। इसी साल 9 से 21 सितंबर के बीच फिजी में आयोजित ईको चैलेंज में दोनों ने शिरकत की है। इस एडवेंचर रेस में 30 देशों की 67 टीमें ने हिस्सा लिया था। 675 किलोमीटर की इस रेस की मेजबानी डिस्कवरी चैनल पर प्रसारित होने वाले शो ‘मैन वर्सेज वाइल्ड’ के होस्ट बेयर ग्रिल्स ने किया था। इस रेस के लिए खुद बेयर ग्रिल्स ने दोनों बहनों को आमंत्रित किया था।

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हरियाणा  की जुड़वा बहनें नुंग्शी और ताशी मलिक अब किसी पहचान की मोहताज नहीं

हरियाणा से संबंध रखने वाली जुड़वा बहनें नुंग्शी और ताशी मलिक अब किसी पहचान की मोहताज नहीं हैं। ये दोनों बहनें महज 23 साल की उम्र में कई उपलब्धियां और रिकॉर्ड अपने नाम कर चुकी हैं। 2013 में माउंट एवरेस्ट पर चढ़ने वाली ये दुनिया की पहली जुड़वा बहनें हैं। दुनिया के 7 महाद्वीपों की प्रमुख चोटियों पर चढ़ाई का गौरव हासिल करने वाली भीं ये दुनिया की पहली जुड़वा बहनें हैं। ताशी ने बताया कि उन्होंने 12वीं में स्कूल में टॉप किया था।

सेना में कर्नल रहे वीरेंद्र सिंह मलिक हैं ताशी-नुंग्शी के पिता 

सेना में कर्नल रहे ताशी-नुंग्शी के पिता वीरेंद्र सिंह मलिक ने इसी दौरान एक दिन बेटियों से पूछा- तुम लोगों की रूचि किस क्षेत्र में है। हमने पर्वतारोहण के लिए कहा तो पापा तैयार हो गए और कहा- तुम लोग पर्वतारोहण का एक बेसिक कोर्स कर लो, हो सकता है कि इस दौरान तुम्हें पता चले कि आगे क्या करना है? महज 17 साल की उम्र में यहीं से शुरू हुआ दोनों बहनों के पर्वतारोहण का सफर। नुंग्शी ने बताया कि पापा के हां कहते ही हम दोनों ने फटाफट अपना बैग पैक किया और कोर्स की तैयारी में जुट गईं। शुरू में हमें काफी डर लग रहा था। पता नहीं पहाड़ों की चढ़ाई में हम सफल होंगे या नहीं।

सोसायटी वालों के तानों से तंग आकर जुड़वा बहनों  ने कुछ अलग करने की ठानी

ताशी-नुंग्शी के मुताबिक उनके पापा को अक्सर सोसायटी के लोग कहते थे कि तुम्हारा कोई बेटा नहीं है, तुम्हें बेटा पैदा करना चाहिए, उससे काफी सहारा मिलेगा। बार-बार ऐसा सुनने के बाद हमें लगा कि ये गलत है। इसी के बाद हम दोनों बहनों ने तय किया कि कुछ ऐसा किया जाए जो सारी दुनिया से अलग हो। हम मां-बाप को दिखाएं कि लड़कियां होना भी बहुत जरूरी है।

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