सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव ने सत्तारूढ़ भाजपा पर आरोप लगाते हुए कहा कि लोकतंत्र के साथ ठगी करने की रणनीति बना रही भाजपा। उन्होंने कहा कि भाजपा अपने मंसूबे को पूरा करने के लिए दूसरे राज्यों से RSS कार्यकर्ताओं को उत्तर प्रदेश के गांव-गांव में पहुंचा रही है।अखिलेश ने एक बयान में आरोप लगाया, ‘‘भाजपा बूथ स्तर पर साजिश में जुटी हुई है।
भाजपा संविधान का सम्मान नहीं करती।”उन्होंने दावा किया कि सपा को यूपी में खासा जनसमर्थन प्राप्त है और इससे डरकर भाजपा लोकतांत्रिक व्यवस्था को नष्ट करना चाहती है। उन्होंने आरोप लगाया कि अधिनायकशाही मानसिकता से विपक्षी दलों के नेताओं और कार्यकर्ताओं का उत्पीड़न किया जा रहा है।
बुधवार को अखिलेश यादव के बयान पर कन्नौज सांसद सुब्रत पाठक ने पलटवार करते हुए आड़े हाथों लिया है। उन्होंने कहा है कि मुझे लगता है कि अखिलेश यादव पूरी तरह से मानसिक संतुलन खो चुके हैं। उत्तर प्रदेश के 2022 के चुनाव से पूर्व अपनी हार का अनुमान लगाकर इस तरह का बहानेबाजी वाला बयान अखिलेश ने दिया है। बीजेपी को बाहर से किसी को बुलाने की जरूरत नहीं है। क्योंकि आपकी राष्ट्र विरोधी, सांप्रदायिक व तालिबानी मानसिकता के कारण पहले ही उत्तर प्रदेश की आम जनता राष्ट्रवादी आरएसएस की मानसिकता से जुड़ गए है। गांव गांव के लोग जुड़ गए है। इसलिए हमें बाहर से किसी को बुलाने की आवश्यकता नहीं है।
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सपा मुखिया @yadavakhilesh के द्वारा भाजपा पर बूथ स्तर पर बड़ी साजिश का आरोप दर्शाता है कि वो 2022 की हार का पहले ही बहाना खोज लिए हैं और हाँ RSS के लोगों को बाहर से लाने की भाजपा को जरुरत नहीं क्यूँकि लोग खुद ही सपा की तालिबानी मानसिकता के कारण से RSS की मानसिकता से जुड़ गए हैं ।
— Subrat Pathak (@SubratPathak12) August 25, 2021
उन्होंने कहा कि 2014 का चुनाव राष्ट्रवादी मानसिकता के साथ हुआ. भाजपा ने आपका सूफड़ा साफ कर दिया। 2017 चुनाव राष्ट्रवादी मानसिकता के साथ में हुआ। फिर से भाजपा ने आपका सूफड़ा साफ कर दिया। 2019 के चुनाव में गठबंधन के बावजूद बीजेपी ने सफाया कर दिया। 2022 विधान सभा का चुनाव भी राष्ट्रवादी मानसिकता के आधार पर होगा। आपकी राष्ट्र विरोधी तालिबानी मानसिकता यह चुनाव भी हारेगी।