चंडीगढ़: पंजाब (Punjab) में गेहूं (Wheat) की फसल के अवशषों से तैयार होने वाले सूखे चारे यानी तूड़ी के दाम बीते साल के मुकाबले चार गुना अधिक हैं। विशेषज्ञों में बताया पिछले साल दिसंबर में जब खबरें आईं कि 2021-22 के रबी सीजन में कई राज्यों में गेहूं (Wheat) का रकबा कुछ हद तक कम हो गया है, तो कई बड़े व्यापारियों ने सूखे चारे का भंडारण करना शुरू कर दिया जिससे दरों में भी उछाल आना शुरू हो गया। इसके अलावा मार्च में उच्च तापमान से गेहूं (Wheat) की पैदावार भी प्रभावित हुई, परिणामस्वरूप अनाज सिकुड़ गया और गेहूं (Wheat) के भूसे यानी तूड़ी का वजन भी कम हो गया।
गेहूं (Wheat) की कम पैदावार
प्रत्येक किसान के खेतों में इस बार तूड़ी का उत्पादन 15 से 20 फीसदी कम हुआ है। इस वजह से इसकी मांग और कीमतें दोनों बढ़ी हैं। गेहूं (Wheat) के ठूंठ से बनने वाली ‘तूड़ी’ अपने पोषण गुणों के कारण मवेशियों के लिए सबसे अच्छा सूखा चारा माना जाता है। इसलिए जब इस साल गेहूं (Wheat) की पैदावार कम हुई है, तो इसकी कीमतों की दर बहुत अधिक है। किसान इसे बेचकर भारी मुनाफा कमा सकते हैं, लेकिन इसके बावजूद पंजाब में 1 अप्रैल से 29 अप्रैल तक अब तक 3,895 खेत में आग लगने की घटनाएं हुई हैं। फिर सवाल उठता है कि किसान अपनी फसल के अवशेष खेतों में ही क्यों जला रहे हैं।
666 करोड़ रूपये की योजनाए मंजूर, सुधरेगी विद्युत आपूर्ति: ऊर्जा मंत्री
कितने दामों में तूड़ी बिक रही
रिपोर्ट के मुताबिक अप्रैल में शुरू हुई गेहूं (Wheat) की कटाई से पहले तूड़ी का भाव 950 रुपये से 1100 रुपये प्रति क्विंटल था, क्योंकि किसानों ने पिछले साल का संग्रहित चारा बेचा था। अब जब गेहूं की कटाई के बाद तूड़ी का सीजन शुरू हुआ तो रेट कम नहीं हुए हैं और यह अभी भी राज्य के विभिन्न हिस्सों में 400 रुपये से 800 रुपये प्रति क्विंटल की दर से बिक रही है। राजस्थान जैसे पड़ोसी राज्यों में तूड़ी का भाव 950 रुपये प्रति क्विंटल है। हालांकि सीजन के दौरान इसकी दरें 200 रुपये से 300 रुपये प्रति क्विंटल के बीच रहती थीं।