नई दिल्ली। रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन (डीआरडीओ) ने मंगलवार को ओडिशा के चांदीपुर से ब्रह्मोस सुपरसोनिक क्रूज मिसाइल का सफल परीक्षण किया है। यह जानकारी रक्षा सूत्रों ने दी है। सूत्र ने बताया कि जमीन पर मार करने में सक्षम इस मिसाइल का मोबाइल ऑटोनॉमस लांचर से सुबह करीब साढ़े आठ बजे चांदीपुर में एकीकृत परीक्षण रेंज में लांच कॉम्प्लेक्स-3 से परीक्षण किया गया है।
Defence Research and Development Organisation (DRDO) today successfully test fired a BrahMos supersonic cruise missile off the coast of Odisha in which it was launched with an advanced indigenous seeker. The target of the missile was a ship. pic.twitter.com/Xkmt7TJHUM
— ANI (@ANI) December 17, 2019
डीआरडीओ ने बताया कि सतह से सतह पर मार करने में सक्षम मिसाइल का परीक्षण सफल रहा। परीक्षण सभी मापदंडों पर खरा रहा है। ब्रह्मोस मिसाइल मध्यम दूरी तक मार करने वाली रामजेट सुपरसोनिक क्रूज मिसाइल है। जिसे पनडुब्बी, जहाज, लड़ाकू विमान अथवा जमीन से लांच किया जा सकता है।
चीन और पाकिस्तान के पास अभी तक ऐसी मिसाइल नहीं है जिसे जमीन, समुद्र और आसमान तीनों जगहों से दागा जा सके
बता दें कि फिलहाल चीन और पाकिस्तान के पास अभी तक ऐसी मिसाइल नहीं है जिसे जमीन, समुद्र और आसमान तीनों जगहों से दागा जा सके। वर्तमान में भारत और रूस इस मिसाइल की मारक दूरी बढ़ाने के साथ इसे हाइपरसोनिक गति पर उड़ाने पर भी काम कर रहे हैं। ब्रह्मोस कम दूरी की रैमजेट इंजन युक्त, सुपरसोनिक क्रूज मिसाइल है।
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इस मिसाइल को दिन अथवा रात तथा हर मौसम में दागा जा सकता है। इस मिसाइल की मारक क्षमता अचूक होती है। रैमजेट इंजन की मदद से मिसाइल की क्षमता तीन गुना तक बढ़ाई जा सकती है। अगर किसी मिसाइल की क्षमता 100 किमी दूरी तक है तो उसे रैमजेट इंजन की मदद से 320 किमी तक किया जा सकता है।
रूस की एनपीओ मशीनोस्ट्रोयेनिया और भारत के डीआरडीओ ने संयुक्त रूप से किया विकास
रूस की एनपीओ मशीनोस्ट्रोयेनिया और भारत के रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन (डीआरडीओ) ने संयुक्त रूप से इसका विकास किया है। यह रूस की पी-800 ओंकिस क्रूज मिसाइल की प्रौद्योगिकी पर आधारित है। ब्रह्मोस मिसाइल का नाम भारत की ब्रह्मपुत्र और रूस की मस्कवा नदी पर रखा गया है।
इस सुपरसोनिक क्रूज मिसाइल की गति ध्वनि की गति से लगभग तीन गुना अधिक है। ब्रह्मोस क्रूज मिसाइल ध्वनि के वेग से करीब तीन गुना अधिक 2.8 मैक गति से लक्ष्य पर प्रहार करती है। इसके दागे जाने के बाद दुश्मन को संभलने का मौका भी नहीं मिलता है।