नई दिल्ली। लेखिका डॉक्टर कृष्णा सक्सेना (Dr. Krishna Saxena) की पुस्तक ‘अ बुके ऑफ फ्लॉवर’ का शनिवार को केंद्रीय रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने शनिवार को अपने आवास पर विमोचन किया।
पुस्तक के विमोचन के मौके पर श्री सिंह ने कहा कि हम अकसर सुना करते थे कि पढ़ने-लिखने की कोई आयु सीमा नहीं होती। अगर इस कथन को किसी ने सही साबित किया है तो वह डॉक्टर कृष्णा सक्सेना हैं। डॉक्टर सक्सेना ने अपनी किताब लिखकर यह साबित कर दिया है कि उम्र महज एक संख्या है। मैं पूरी ईमानदारी के साथ कह सकता हूं कि इनकी पुस्तक में कोई व्यक्ति तीन पीढ़ियों द्वारा अपनाए गए ऐसे मूल्यों से रूबरू हो सकता है, जो आज भी प्रासंगिक हैं।
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92 साल की उम्र में श्रीमती सक्सेना की नौवीं पुस्तक ‘अ बुके ऑफ फ्लॉवर’ (A bouquet of flowers) में समाज के भीतरी कामकाज के अनछुए तौर-तरीकों विशेषकर बदलते मूल्यों और संस्कृति का वर्णन किया गया है।
इस पुस्तक में उन्होंने समकालीन समाज की शक्तियों और कमजोरियों को बारीकी से प्रदर्शित किया है। अंग्रेजी की सेवानिवृत प्राध्यापक श्रीमती सक्सेना 1955 में लखनऊ से पीएचडी करने वाली पहली महिला थीं।