गुरुग्राम। हरियाणा के गुरुग्राम (गुड़गांव) में एक प्राइवेट अस्पताल का लालच भरा रवैया सामने आया है। यह गंभीर आरोप यहां के पारस अस्पताल पर लगा है। आरोपों के मुताबिक अस्पताल प्रशासन पूरी रात एक शव का इलाज करते रहे। इसके बाद सुबह मृतक को परिजनों को 53 हजार रुपये का बिल थमा दिया है।
परिजनों की मानें तो बीते सोमवार शाम को डॉक्टरों ने उसे मृत घोषित कर डेडबॉडी ले जाने के लिए कह दिया
जानकारी के अनुसार गुरुग्राम के बंधवाडी गांव के रहने वाले 32 वर्षीय उमेश को उसके परिजन तीन दिन पहले शरीर में इंफेक्शन के चलते यहां लेकर आए थे। परिजनों की मानें तो बीते सोमवार शाम को डॉक्टरों ने उसे मृत घोषित कर डेडबॉडी ले जाने के लिए कह दिया था, लेकिन तब पैसे नहीं होने की वजह से उन्होंने शव अगले दिन ले जाने की बात कही।
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गांव लौटकर परिवारवालों ने पैसे एकत्रित किए और अगले दिन सुबह वो शव लेने अस्पताल पहुंचे, लेकिन जब वह अस्पताल पहुंचे तो उन्हें भारी भरकम बिल थमा दिया गया। परिजनों ने जब बिल की जांच की तो पाया कि उसमें रात के इलाज का भी बिल शामिल था। 53 हजार रुपये का अतिरिक्त बिल देखकर मृतक के परिजन चौंक गए। उन्होंने जब पूछा कि उमेश की मौत सोमवार रात को ही गई थी तो ये इंजेक्शन और दवाईयों का बिल किस चीज के लिए है। डॉक्टरों ने बताया कि रात भर जो दवाइयां और इंजेक्शन का इस्तेमाल हुआ है ये उसका बिल है। इस बात से मृतक के परिजन भड़क गए।
परिजनों ने लगाए ये आरोप
परिवारवालों ने पारस अस्पताल पर आरोप लगाया कि यहां डॉक्टर मरीजों का नहीं बल्कि डेडबॉडी का इलाज करते हैं। परिजनों के हंगामे के बाद मरीज को जिंदा बताकर इलाज की बात कही गई, लेकिन जब उमेश को दूसरे अस्पताल में ले जाया गया तो वहां के डॉक्टरों ने भी उसे मृत घोषित कर दिया।
अस्पताल प्रबंधन ने आरोपों पर दी ये सफाई
इस मामले पर जब पारस अस्पताल प्रबंधन से सवाल पूछा गया तो उन्होंने कैमरे पर कुछ भी बोलने से मना कर दिया, लेकिन बिना कैमरे इतना जरूर कहा कि हमारे यहां उमेश जिंदा था। दूसरी ओर मृतक के परिजन अस्पताल प्रबंधन के लालचपूर्ण और मरीजों के प्रति गैर-जिम्मेदाराना रवैये के खिलाफ कार्रवाई की मांग की है।