लखनऊ। हमारे जीवन में जब तक सजहता रहती है जब तक हमारा जीवन सुखमय व्यतीत होता है और जहां उसमें बुद्धि का प्रयोग होने लगता है तब जीवन की राह कठिन होने लगती है। अपने स्वभाव में सहजता, सरलता लाये। आप के साथ क्या अच्छा और क्या बुरा हो रहा है सब ईश्वर पर छोड दे।
साधक की अन्तिम लक्ष्य मोक्ष होता है लेकिन संसार के माया मोह में फंसकर उसका लक्ष्य बदल जाता है
यह बात जैन मन्दिर डालीगंज में गुरुवार को प्रवचन के दौरान संस्कार प्रणेता मुनि श्री सौरभ सागर जी महाराज ने कही। मुनिश्री गुडम्बा जैन मन्दिर में पंचकलयाणक महोत्सव सम्पन्न कराने के बाद डालीगंज पहुंचे। मुनिश्री ने कहा कि मनुष्य के पास गति है दिशा है लेकिन लक्ष्य नही है। जिसके कारण उचित परिणाम नही मिलते। साधक की अन्तिम लक्ष्य मोक्ष होता है लेकिन संसार के माया मोह में फंसकर उसका लक्ष्य बदल जाता है। अतः गति, दिशा लक्ष्य तीनों का होना जरुरी है। हमारा लक्ष्य हमारे हाथ में है दूसरे के हाथ में नही। आपके विचारों से तीनों चीजों का निर्धारण हो सकता है।
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मुनिश्री ने कहा कि जीवन मे बिखरने के बाद निखरने का प्रयास करे न कि निखरने के बाद बिखरने का। निखरकर विखरने की चेष्टा न करे। जिन्दगी को बन्दगी की ओर ले चले। इससे पूर्व गुडम्बा जैन मन्दिर में मुनिश्री ने पूजा अर्चना करने के बाद संजय जैन, लक्ष्मीकांत जैन, राहुल जैन, मनीष जैन, वीके जैन, संगीता जैन, रिता जैन समेत बड़ी संख्या में लोगों ने मुनिश्री का विहार कराया। मुनिश्री का विहार जैसे जैसे डालीगंज की ओर बढ़ता गया वैसे वैसे उनके अनुयाई बढ़ते गये। आठ नम्बर चैराहा निरालगर से बैण्ड बाजे के साथ, जयकारो के साथ डालीगंज मुनिश्री पहुंचे।
पंचकल्याणक सफल आयोजन के लिए हुआ सम्मान
श्री जैन धर्म प्रवर्द्धनी सभा के हंसराज जैन, विनय जैन, सुबोध जैन, वीर कुमार जैन, रविप्रकाश जैन, सुशील जैन ने मुनिश्री के सानिध्य गुडम्बा जैन मन्दिर में हुये पंचकल्याणक महोत्सव के सफल आयोजन के लिए गुडम्बा जैन मन्दिर के अध्यक्ष एके जैन, महामंत्री विनय जैन को सम्मानित किया। बाद में चैक जैन समाज की ओर से चैक आगमन के लिए कैलाश चन्द्र जैन, सिद्धार्थ जैन, अशोक जैन ने श्रीफल चढ़ाया। इस मौके पर संजय जैन, मनोज जैन, सुभाष जैन, बंटी जैन आदि लोग मौजूद रहे। विनय जैन ने बताया कि शुक्रवार को प्रातः 6ः30 बजे मुनिश्री डालीगंज से यहियागंज जैन मन्दिर के लिए विहार करेंगे।