मूर्ति पूजन का हिंदू धर्म में विशेष महत्व है। हिंदू परिवारों के घरों में छोटे मंदिर और उनमें राधा-कृष्ण, शिव परिवार, गणेशजी और भगवान राम के अलावा तमाम देवी-देवताओं की मूर्तियां रखी मिलेंगी, लेकिन न्याय के देवता शनिदेव (shani dev) के साथ मां दुर्गा की कालरात्रि वाली मूर्ति और भैरवनाथ की मूर्ति नहीं मिलेगी। आइए बताते हैं आखिर क्या वजह है जिसके कारण शनिदेव की घर के मंदिर में मूर्ति नहीं रखी जाती है?
शनिदेव को मिला हुआ है श्राप
न्याय के देवता शनिदेव (shani dev) के बड़ी संख्या में भक्त हैं। अंदाजा महज इस बात से लगाया जा सकता है कि हर शनिवार को शनिदेव के मंदिरों पर भक्तों की भारी भीड़ उमड़ती है। फिर भी शनिदेव (shani dev) की मूर्ति को लोग घर में नहीं रखते हैं। पौराणिक मान्यता के अनुसार शनिदेव को श्राप मिला हुआ है कि वह जिस भी किसी को देखेंगे उसका अनिष्ट हो जाएगा। यही कारण है कि शनिदेव की दृष्टि से बचने के लिए घर पर उनकी मूर्ति नहीं लगाई जाती है।
शनिदेव की पूजा में रखें इन बातों का ख्याल
1- मंदिर में पूजा करते समय शनिदेव की दृष्टि की ओर नहीं देखें।
2- शनिदेव के एक दम सामने खड़े होकर या फिर उनकी आंखों में आंखे डालकर दर्शन नहीं करना चाहिए।
3- शनिदेव की आंखों में देखकर पूजा न करें। उनके चरणों में देखकर ही पूजा करें।
4- शनिवार के दिन हनुमान जी की पूजा करने से शनिदेव प्रसन्न होते हैं।
तेल चढ़ाते समय रखें ये ध्यान
शनिवार के दिन पीपल के पेड़ पर शनिदेव की मूर्ति के पास तेल चढ़ाएं या फिर उस तेल को गरीबों में दान करें। तेल चढ़ाने के दौरान इस बात का विशेष रूप से ध्यान रखें, कि तेल इधर-उधर न गिरे। वहीं शनिवार को काले तिल और गुड़ चींटी को खिलाएं। इसके अलावा शनिवार के दिन चमड़े के जूते चप्पल दान करना भी अच्छा रहता है।