हेल्थ डेस्क. हर साल पूरी दुनिया में 12 नवंबर को वर्ल्ड निमोनिया डे ( World Pneumonia Day) मनाया जाता है. जैसा की इसके नाम से ही अंदाजा लगा सकते हैं कि लोगों को निमोनिया के बीमारी के प्रति जागरूक बनाने के लिए इस दिन को मनाते है. बच्चे, व्यस्क और बूढों में से किसी को भी निमोनिया हो सकता है. निमोनिया के दुनियाभर में जितने मामले सामने आते हैं उसमें से 23 फीसदी भारत में देखे जाते हैं. इनमें से 14 से 30 फीसदी मामलों में मौत हो जाती है. WHO के अनुसार, 5 वर्ष से कम आयु के बच्चों में मौत का दूसरी वजह निमोनिया है.
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निमोनिया एक गंभीर बीमारी है. इस रोग में फेफड़ों में सूजन आ जाती है और पानी भर जाता है. सही समय पर लक्षणों की पहचान करके इसका इलाज न किया जाए तो व्यक्ति की मौत तक हो सकती है. आइये वर्ल्ड निमोनिया डे के मौके पर इस बिमारी के लक्षणों व् उससे बचाव के बारे में जाने…
लक्षण :
– ठंड लगना या पसीना के साथ तेज बुखार
– बलगम की उपस्थिति के साथ खांसी
– दिन-प्रतिदिन की गतिविधियों को करते समय सांस लेने में कठिना
– छाती में दर्द जो खांसते समय खराब हो सकता है
– भूख में कमी
– रेसिंग दिल की धड़कन
– मतली, उल्टी और दस्त
– सिरदर्द और थकान
– 65 वर्ष व उससे अधिक उम्र के व्यक्तियों में मानसिक भ्रम की स्थिति
– सामान्य शरीर के तापमान से कम
बचाव :
अगर आप चाहते हैं कि आपको निमोनिया प्रभावित ना करे तो इसके लिए आप कुछ उपाय अपना सकते हैं, जैसे−
-निमोनिया और फ्लू से बचाव के लिए टीके उपलब्ध हैं. आप डॉक्टर की सलाह पर यह टीके लगवा सकते हैं.
-हाईजीन का ख्याल रखकर भी संक्रमण से बचा जा सकता है. श्वसन संक्रमण से खुद को बचाने के लिए आप अपने हाथों को नियमित रूप से धोएं या फिर अल्कोहल−आधारित हैंड सेनिटाइज़र का उपयोग करें.
-धूम्रपान से परहेज करें। धूम्रपान आपके फेफड़ों के श्वसन संक्रमण के खिलाफ प्राकृतिक सुरक्षा को नुकसान पहुंचाता है.
-इसके अलावा इम्यून सिस्टम को मजबूत बनाएं, पर्याप्त नींद लें, नियमित व्यायाम करें और स्वस्थ आहार लें.
-साथ ही आप घरेलू नुस्ख़े अपनाकर निमोनिया का घरेलू इलाज भी कर सकती है और इससे बच सकती है.