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लगातार पेट के दर्द में न करें अनदेखी, हो सकते है इस बीमारी के शिकार

Do not ignore persistent stomach pain

Do not ignore persistent stomach pain

पेट में पाचन तंत्र सही तरीके के कार्य करेगा तो शरीर स्वस्थ बना रहेगा और शरीर के हर अंग को पोषक तत्व मिलते रहेंगे। यदि पेट से जुड़ी समस्याओं की दो या तीन सप्ताह से अनदेखी की तो बड़ी शारीरिक समस्या को निमंत्रण दे सकते हैं।

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पेट से जुड़े कैंसर को लेकर वैसे भी लोगो में जागरुकता की कमी है। यही कारण है कि खानपान  में लापरवाही, अनियमित दिनचर्चा और नियमित पेट से संबंधित व्यायाम नहीं करने के कारण पेट दर्द बढ़ जाता है। कई बार ये पेट दर्द भयानक कैंसर  रोग का कारण भी हो सकता है।

पेट दर्द की अनदेखी (Do not ignore persistent stomach pain) करने के कारण ही कई बार 60 फीसदी मरीजों को चौथी स्टेज में जाकर पेट के कैंसर के बारे में पता चलता है। ऐसे मरीज बहुत कम होते हैं जो पहली या दूसरी स्टेज में सामने आ पाते हैं। सिर्फ 15 फीसदी मरीज ही ऐसे होते हैं जो शुरुआती अवस्था में ही इलाज शुरू करवा पाते हैं।

 पेट के कैंसर को गैस्ट्रिक कैंसर के नाम से भी जाना जाता है। यह कुछ असाधारण और घातक कैंसर युक्त कोशिकाएं होती हैं जो पेट के एक हिस्से में ढेर के रूप में जमा हो जाती हैं।

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इसके अलावा, कोलन और रेक्टम, आंतों, लिवर, इसोफेगस, अग्नाशय या पित्त की थैली आदि में जब अवांछित गठान विकसित होने लगती है तो उसे पेट का कैंसर माना जाता है। एक रिसर्च के मुताबिक कैंसर से होने वाली तमाम मौतों में 6 मौतें पेट के कैंसर से जुड़ी हुई होती हैं।

पेट का कैंसर क्यों होता है, इसका एक विशेष कारण तो नहीं है, लेकिन खानपान में लापरवाही(Do not ignore persistent stomach pain)इसका मुख्य कारण है, विशेषकर आजकल खानपान में ऐसी सामग्री ज्यादा शामिल हो रही है जो कीटनाशक और खाद से पैदा की जा रही हैं। ज्यादा उत्पादन के लिए खेतों में रासायनिक दवाओं का अंधाधुंध इस्तेमाल हो रहा है और ऐसा ही उत्पादित अनाज, फल या सब्जियों का सेवन हम करते हैं तो गंभीर बीमारियों को न्यौता दे देते हैं।

ज्यादा शराब का सेवन भी घातक

तंबाकू या शराब की आदत भी पेट का कैंसर होने के मुख्य कारण हैं। आनुवांशिक कारणों के अलावा जो लोग फाइबर डाइट कम लेते हैं, उनमें भी इस तरह की समस्या देखने को मिलती है।

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पेट दर्द हो तो तत्काल लें डॉक्टर की सलाह

आंतों के कार्य में जब रुकावट आने लगती है तो कब्ज, दस्त, मुंह में छाले आना, दिन में पेट फूलना, अकारण वजन घटना या बढ़ना, थकान लगना, एसिडिटी, दस्त में खून निकलना या काला दस्त होने जैसी कई समस्याएं पैदा हो जाती हैं। ऐसे कोई भी लक्षण दिखाई दें तो डॉक्टर को तत्काल दिखाना चाहिए।

पेट के कैंसर की जांच और इलाज

कैंसर के चरण के आधार पर इलाज का फैसला किया जाता है। शुरुआती स्टेज की जानकारी मिलने पर इसका इलाज करना आसान होता है। इसके लिए मरीज को जीआई एंडोस्कोपी, बायोप्सी, एंडो-अल्ट्रासाउंड, एक्सरे, पीईटी, एमआरआई, स्कैन आदि टेस्ट कराने होते हैं, जिससे पेट की समस्या का मूल कारण समझने में आसानी होती है। इसके बाद इसका इलाज सर्जरी, कीमोथैरेपी, इम्युनोथैरेपी या टार्गेटेड थैरेपी द्वारा किया जाता है।

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