वास्तुशास्त्र (Vastu Shastra) में हमारे दैनिक जीवन से जुड़ी हुई गतिविधियों के बारे में कई सुझाव दिए गए हैं, जिनको अपनाकर संतुलित एवं सफल जीवन व्यतीत किया जा सकता है. वास्तु में दिशाओं के बारे में विस्तार से बताया गया है, जिसमें उन दिशाओं का संबंध देवताओं (God) और ऊर्जा (Energy) से भी है. आज हम आपको बता रहे हैं कि किस दिशा में मुख करके खाने से क्या होता है? कौन सी दिशा में मुख करके भोजन (Food) करना उत्तम होता है. आइए जानते हैं इसके बारे में.
- यदि आप दक्षिण दिशा की ओर मुख करके भोजन करते हैं, तो तुरंत इस आदत को बदल दें. दक्षिणा दिशा को यमराज की दिशा मानी जाती है. मयराज मृत्यु के देवता हैं. दक्षिण दिशा में मुख करके भोजन करने से आयु की हानि होती है. कई प्रकार की समस्याओं से आप घिर सकते हैं.
- पूर्व या उत्तर पूर्व दिशा में मुख करके भोजन करना अच्छा होता है. ऐसा करने से व्यक्ति को भोजन से पूरी एनर्जी प्राप्त होती है. पूर्व दिशा में मुख करके भोजन करने से आयु में वृद्धि होती है. पाचन शक्ति बढ़ती है, जिससे स्वास्थ्य अच्छा रहता है. इस बारे में आयुर्वेद में भी बताया गया है.
- छात्रों और प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी करने वालों को उत्तर दिशा में मुख करके भोजन करना चाहिए. जो लोग अपने करियर के प्रारंभिक अवस्था में हैं, उनको भी इस दिशा में ही भोजन करना चाहिए. इस दिशा को धन, ज्ञान एवं आध्यात्म की दिशा मानते हैं.
- पश्चिम दिशा को लाभ की दिशा मानते हैं. जो लोग बिजनेस करते हैं या नौकरी में हैं या मस्तिष्क संबंधी कार्यों जैसे लेखन, शिक्षा, शोध आदि से जुड़े हैं, उनको भी इस दिशा में बैठकर भोजन करना चाहिए.
भोजन का संंबंध हमारी सेहत है. भोजन यदि सही दिशा में बना हो और उसे सही दिशा में बैठकर किया जाए, तो उससे सही पोषण एवं उत्तम स्वास्थ्य प्राप्त हो सकता है. भोजन का संबंध एनर्जी से हैं. यदि गलत दिशा में भोजन बनता है, तो उससे निगेटिव एनर्जी प्राप्त होती है, जिससे परिणाम स्वरूप सेहत खराब होती है, बीमारियां होती हैं और मानसिक अवसाद की स्थितियां भी उत्पन्न हो सकती हैं.