महाशिवरात्री पर ना करें ये गलतियां, नाराज हो जाएंगे भोलेनाथ

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शिव को समर्पित महाशिवरात्री (Mahashivaratri) 08 मार्च 2024 को मनाई जाएगी। वैसे तो हर महीने कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी को शिवरात्री पड़ती हैं लेकिन फाल्गुन मास की यह शिवरात्री (Mahashivaratri) बहुत महत्वपूर्ण हैं क्योंकि पौराणिक मान्यताओं के अनुसार इस दिन शिव-पार्वती की शादी हुई थी। इस दिन सभी भक्तगण शिव-पार्वती को प्रसन्न करने के लिए भोलेबाबा की शरण में जाते हैं और पूजा-अर्चना करते हैं। लेकिन भोलेबाबा की पूजा के दौरान कुछ गलतियां करने से बचना चाहिए क्योंकि इससे भगवान शिव नाराज हो सकते हैं। इन गलतियों के कारण आपको आशीर्वाद पाने की जगह उनके प्रकोप का सामना करना पड़ जाता हैं। तो आइये जानते हैं शिव जी की पूजा के दौरान कौनसी गलतियां नहीं करनी चाहिए…

इस धातु के पात्र से चढ़ाएं जल

भगवान शिव को जल से सर्वाधिक लगाव है। भगवान शिव की पूजा में सबसे पहले जल से अभिषेक किया जाता है। शिवजी को जल चढ़ाने में इस बात का ध्‍यान रखें कि कभी भी लोहे और स्‍टील के बर्तन से जल न चढ़ाएं। शिवजी को सदैव तांबे, पीतल, कांसा, चांदी या फिर अष्‍टधातु के लोटे से जल चढ़ाएं।

इस तरह से न चढ़ाएं दूध

अगर आप महाशिवरात्रि (Mahashivaratri) पर शिवजी को दूध चढ़ाते हैं उसके लिए चांदी, पीतल का लोटा ही प्रयोग करें। किसी भी स्थिति में शिवजी पर तांबे के लोटे से दूध न चढ़ाएं। कहते हैं तांबे के लोटे से दूध चढ़ाने से शुभ फल की प्राप्ति नहीं होती है। शिवलिंग पर चढ़ाने में गाय के दूध का ही प्रयोग करना चाहिए।

शिवलिंग पर कभी न चढ़ाएं ये चीजें

भगवान शिव की पूजा में भूलकर भी सिंदूर और कुमकुम का प्रयोग न करें। कहते हैं कुमकुम और सिंदूर को स्त्रियोचित वस्‍तु माना गया है। इसलिए भगवान शिव की पूजा में इनका प्रयोग नहीं किया जाता है, क्‍योंकि उन्‍हें श्‍मशान निवासी और वैरागी माना गया है। इसके अलावा शिवजी की पूजा में हल्‍दी का भी प्रयोग नहीं किया जाता है। इसके स्‍थान पर शिवजी की पूजा में अबीर, गुलाल और अक्षत का प्रयोग करें।

ऐसे चावल न करें अर्पित

भगवान शिव की पूजा में अक्षत का प्रयोग अनिवार्य माना गया है। कहते हैं शिवजी को चढ़ाने के लिए टूटे हुए चावल का प्रयोग न करें। भगवान शिव की पूजा में पूरे साबुत चावल का प्रयोग करना चाहिए। अक्षत को साफ पानी से कम से कम 3 बार धोकर ही शिवजी को चढ़ाएं।

शंख का भूलकर भी न करें प्रयोग

शिव पुराण में बताए गए पूजा के विधि विधान में बताया गया है कि भूलकर भी शिवजी की पूजा में शंख का प्रयोग नहीं करना चाहिए। शंख को गलती से भी शिवलिंग से स्‍पर्श न करवाएं। शिवलिंग पर न ही शंख से जल अर्पित किया जाता है। शिवजी की पूजा में शंखनाद भी नहीं किया जाता है।

अभिषेक के वक्‍त ध्‍यान रखें यह बात

शिवजी की पूजा में शिवलिंग को स्‍नान करवाते समय ए‍क बात का ध्‍यान रखें कि भूलकर भी शिवलिंग को अंगूठे से न रगड़ें। ऐसा करना शास्‍त्रों में अनुचित बताया गया है। शिवलिंग को उंगलियों से ही साफ करें।

शिवजी की पूजा में न चढ़ाएं तुलसी

भगवान शिव की पूजा में चढ़ाने जाने वाले पत्‍तों में तुलसी का पत्‍ता भूलकर भी न रखें। बल्कि भगवान शिव को ब‍ेलपत्र चढ़ाया जाना चाहिए। इसके अलावा पत्‍तों में शिवजी को भांग के पत्‍ते और धतूरा चढ़ाया जाता है। भगवान शिव की पूजा में शमी के पत्‍त भी चढ़ाए जाते हैं।

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