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धूप को बांधने चले तुगलक’- दैनिक भास्कर पर छापे को लेकर पत्रकार का मोदी सरकार पर तंज

देश भर में दैनिक भास्कर समूह के कई कार्यालयों पर आयकर विभाग ने छापे मारे, भारत समाचार चैनल के दफ्तरों पर भी छापे पड़े। इस मामले में वरिष्ठा पत्रकार प्रियदर्शन ने लिखा- दैनिक भास्कर ने निष्पक्ष होकर सब सच दिखाया जो सरकार की आंखों में गड़ रहा था। उन्होंने कहा- ये अखबार भरोसा दिलाता रहा कि इसकी अपनी स्वतंत्र नीति है और समाचार-विचार के लिए वह किसी सरकार की दी हुई स्क्रिप्ट पर नहीं चल रहा।

उन्होंने कहा- दिलचस्प यह था कि भास्कर के मुताबिक छापा मारने आए अधिकारियों ने कहा कि छापे के बारे में जो भी खबर छपेगी, वह उनको दिखाकर ही छपेगी। प्रियदर्शन ने सूर्यभानु गुप्त की एक क्षणिका याद करते हुए लिखा- करते हैं कमाल फ़ैसले तुगलक / बांधना था तो बांधते दरिया / धूप को बांधने चले तुगलक।

इनकम टैक्स अधिकारियों ने नाइट शिफ्ट में काम कर रहे कर्मचारियों को ऑफिस में ही रोक लिया और बाहर निकलने से मना कर दिया। नाइट शिफ्ट में काम करने वाले ज्यादातर कर्मचारी संपादकीय और भास्कर के आईटी डिपार्टमेंट से जुड़े थे, जिनका फाइनेंशियल ट्रांजैक्शन से कोई संबंध नहीं होता, फिर भी उन्हें जबरन रोका गया। इस छापेमारी को लेकर सभी राज्यों में तीखी प्रतिक्रिया हो रही है।

आयकर विभाग ने सोशल मीडिया पर भास्कर का नाम लिए बिना लिखा है कि कुछ मीडिया सेक्शंस की तरफ से ये आरोप लगाए जा रहे हैं कि एक पब्लिकेशन के दफ्तरों में सर्च के दौरान IT के अफसरों ने खबरों में बदलाव करने के लिए कहा और एडिटोरियल से जुड़े फैसले खुद लेने लगे। ये आरोप बिल्कुल गलत हैं। विभाग के प्रोटोकॉल के मुताबिक जांच टीम ने सिर्फ फाइनेंशियल ट्रांजैक्शंस की पड़ताल की है।

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भास्कर के स्टेट एडिटर ओम गौड़ के मीडिया को दिए इंटरव्यू का हवाला देकर आयकर विभाग ने कहा है कि गौड़ लखनऊ में हैं। पब्लिकेशन के लखनऊ ऑफिस में तलाशी नहीं ली गई है। ओम गौड़ से भी सवाल-जवाब नहीं किए गए हैं। जो आरोप लगाए जा रहे हैं वे निराधार हैं और प्रायोजित लग रहे हैं।

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