त्यौहारों का सिलसिला शुरू हो चूका है दीपावली की तैयारीयां ज़ोरो पर हैं बाजार सज गए हैं इस साल 7 नवंबर को देश दिवाली धूम-धाम से मनाएगा उससे पहले कार्तिक कृष्ण की त्रयोदशी (5 नवंबर) को धनतेरस धूमधाम से मनाया जाएगा.
धनतेरस के दिन माना जाता है कि इसे मानाने से सुख-समृद्धि में वृद्धि होती है. इस दिन कुबेर देवता की पूजा भी की जाती है. दीपक जलाने का कार्यक्रम इसी दिन से शुरू होता है.
और अगर आप भी माँ लक्ष्मी को अपने घर लाना चाहते हैं तो कुछ खास बातों का ख्याल रखने पर संपन्नता दोगुनी हो सकती है.
वो खास बातें, आइए आपको बताते हैं.
लक्ष्मी पूजा के लिए लक्ष्मी-गणेश की मूर्ति या फोटो और पूजा की दूसरी चीजों की खरीददारी इसी दिन कर लें. धनतरेस पर लाई गई मूर्तियों की पूजा शुभ होती है.
धनतरेस के दिन अमूमन लोग कुबेर देव की पूजा करते हैं ताकि संपन्नता आए. लेकिन इस रोज धनवंतरी देव की पूजा भी करें, वरना स्वास्थ्य पर असर हो सकता है. ऐसी मान्यता है कि आज ही के दिन समुद्र मंथन के दौरान भगवान धनवंतरी प्रकट हुए थे. यही कारण है कि इस दिन धनवंतरी देव की पूजा की जाती है.
लक्ष्मी और श्रीयंत्र खरीद सकते हैं. इनकी पूजा करने पर सुख-सौभाग्य में बढ़ोत्तरी होती है. इस दिन नया झाड़ू लेकर आएं और घर को बुहारें. इससे दरिद्रता दूर होती है.
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पूजन सामग्री के साथ खील-बताशे और लक्ष्मी जी की पूजा के लिए मिट्टी का बड़ा सा दीपक लें. मोमबत्तियां भी जलाई जा सकती हैं लेकिन मिट्टी के दिए समृद्धि लाते हैं.
धनतेरस पर मूल्यवान सामान के साथ घर के दूसरे सामान भी खरीदे जाते हैं. भूलकर भी इस दिन शीशे के बर्तन या सामान न खरीदें
धनतेरस में शाम के समय घर में 5 घी के दिए जलाएं. इसमें से एक दीपक भगवान के पास अपने मंदिर में रखें, एक तुलसी के पौधे के पास, दो दिए दरवाजे के पास और एक पानी की बाल्टी के पास रखें.भगवान् कुबेर को धन का देवता कहा जाता है तो इस दिन उनकी मूर्ति भी ला कर घर के मंदिर में रखें और दीपावली के दिन लक्ष्मी गणेश के साथ इनकी भी पूजा करें।