देहरादून। उत्तराखंड सरकार राज्य में प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी कराने वाले कोचिंग सेंटरों (Coaching Centers) शिकंजा कसने जा रही है। इन संस्थानों पर नियंत्रण के लिए सरकार एक योजना बना रही है, जिसके तहत अगर कोई संस्थान नियमों का उल्लंघन करता है जुर्माने के साथ उसका रजिस्ट्रेशन भी रद्द किया जाएगा। उच्च शिक्षा मंत्री डॉ. धन सिंह रावत ने बताया कि इस नीति का शुरूआती ड्राफ्ट लगभग तैयार हो चुका है। राज्य में इसे लागू करने के लिए विभाग से जुड़े सभी अधिकारियों ने सहमति दी है। इसी के साथ शिक्षा मंत्री ने यह भी कहा कि इस विषय में कोचिंग सेंटर (Coaching Centers) के संचालकों से भी सुझाव लिए जाएंगे।
हर जिले में नियुक्त होगा रजिस्ट्रेशन अधिकारी
बता दें कि केंद्र सरकार के द्वारा सभी राज्यों को कोचिंग सेंटरों पर नियंत्रण के लिए योजना बनाने का निर्देश दिया गया है। इस नीति के अंतर्गत बने नियमों के अनुसार, सभी कोचिंग सेंटरों (Coaching Centers) को रजिस्ट्रेशन कराना अनिवार्य होगा। इसके लिए हर जिले में रजिस्ट्रेशन अधिकारी नियुक्त किया जाएगा। साथ ही कोचिंग सेंटर में किसी भी तरह के विवाद को सुलझाने के लिए प्रत्येक जिले में अपीलीय प्राधिकारी भी नियुक्त किया जाएगा।
वहीं संचालक को छात्र को फीस की रसीद भी देनी होगी। यदि कोई छात्र बीच में ही कोचिंग सेंटर को छोड़ता है, तो संस्थान को बची हुई फीस को 10 दिनों में लौटानी होगी। कोर्स के बीच में फीस में कोई बदलाव नहीं किया जाएगा।
तीन बार नियमों के उल्लंघन करने पर रद्द होगा रजिस्ट्रेशन
छात्रों की समस्याओं के समाधान के लिए सेंटर (Coaching Centers) में एक कमेटी का गठन भी किया जाएगा। इन नियमों की पहली बार उल्लंघना करने वाले संस्थानों को 25 हजार रुपए के जुर्माने के साथ चेतावनी दी जाएगी।
वहीं दूसरी बार उल्लंघन करने पर 1 लाख तक का जुर्माना होगा। इसके बाद भी अगर कोई कोचिंग सेंटर नियमों का उल्लंघन करता है तो रजिस्ट्रेशन रद्द कर दिया जाएगा।