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उत्तराखंड की नई आबकारी नीति: ओवररेटिंग पर लगेगा अंकुश, धार्मिक क्षेत्रों में नहीं बिकेगी शराब

Dhami Cabinet

CM Dhami

देहारादून। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी कैबिनेट (Dhami Cabinet) की बैठक समाप्त हो गई है। बैठक में मुख्य 17 प्रस्तावों पर मुहर लगी है। उत्तराखंड में नई आबकारी नीति2025 को कैबिनेट ने मंजूरी दी है। साथ ही गन्ने का न्यूनतम समर्थन मूल्य घोषित करने का प्रस्ताव भी पास किया गया है।

नई आबकारी नीति को मंजूरी

उत्तराखंड में एमआरपी से ज्यादा रेट पर शराब बेचने पर ठेके का लाइसेंस रद्द हो सकता है। धामी कैबिनेट (Dhami Cabinet) ने नई आबकारी नीति को मंजूरी दी है इसके तहत ये कड़े प्रावधान किए गए हैं। डिपार्टमेंटल स्टोर्स पर भी एमआरपी का नियम लागू रहेगा। इस नीति के अंतर्गत प्रदेश में मदिरा संबंधी व्यवसाय को नियंत्रित, पारदर्शी और जनहितकारी बनाना सुनिश्चित किया गया है।

आबकारी नीति-2025 की प्रमुख विशेषताएँ

-जनसंवेदनाओं को राजस्वहित से सर्वोपरि रखते हुए एवं धार्मिक क्षेत्रों की पूरे विश्व में विशेष महत्ता के दृष्टिगत मद्य निषेध क्षेत्र एवं उसके निकटवर्ती संचालित मदिरा की बिक्री करने वाले अनुज्ञापनों को बंद किए जाने का ऐतिहासिक निर्णय लिया गया है।

– आबकारी नीति-2025 में वित्तीय वर्ष में वर्तमान संचालित उप दुकानों / Sub Shops की व्यवस्था को समाप्त किया गया है।

-नई नीति में राज्य में संचालित मैट्रो मदिरा बिक्री व्यवस्था को पूर्णतः समाप्त कर दिया गया है, जिससे व्यवसाय पारदर्शी रहे एवं उपभोक्ताओं को नियंत्रित एवं सुव्यवस्थित सेवाएँ उपलब्ध हो सकें।

-सरकार ने ओवररेटिंग की शिकायत पर सख्त कार्रवाई करते हुए मदिरा दुकानों के लाइसेंस रद्द करने का निर्णय लिया है। इस कदम से उपभोक्ताओं के हितों की रक्षा को प्राथमिकता देते हुए, अनियमित वसूली पर प्रभावी रोक लगाई जा सकेगी।

– 2013 में लागू की गई डिपार्टमेंटल स्टोर नियमावली के अंतर्गत इन प्रतिष्ठानों को मनमाने दाम वसूलने की लगभग असीम छूट प्राप्त थी। वर्तमान सरकार ने उपभोक्ताओं के हितों को सर्वोपरि रखते हुए, डिपार्टमेंटल स्टोर्स में अधिकतम खुदरा मूल्य (MRP) को अनिवार्य कर दिया है। साथ ही, ओवररेटिंग की शिकायत पर लाइसेंस निरस्त करने का प्रावधान भी लागू किया गया है, जिससे उपभोक्ता शोषण पर प्रभावी रोक लगाई जा सके।

– आगामी वित्तीय वर्ष 2025-26 के लिए वित्त विभाग, उत्तराखण्ड शासन द्वारा 5060 करोड रुपये का आबकारी राजस्व लक्ष्य निर्धारित किया गया है, जिसे प्राप्त करने हेतु विभाग निरंतर प्रयासरत रहेगा। वित्तीय वर्ष 2023-24 में निर्धारित 4000 करोड़ रुपये के लक्ष्य के विरुद्ध 4038।69 करोड़ रुपये का आबकारी राजस्व अर्जित किया गया। 2024-25 हेतु 4439 करोड़ रुपये का लक्ष्य निर्धारित है, जिसके सापेक्ष वर्तमान तक लगभग 4000 करोड़ रुपये की प्राप्ति हो चुकी है।

– शराब व्यवसाय से जुड़े उत्तराखण्ड मूल एवं स्थायी निवासियों के विगत वर्षों में आर्थिक हानि के दृष्टिगत प्रस्तावित आबकारी नीति विषयक नियमावली, 2025 में आगामी दो वित्तीय वर्ष (2025-26 एवं 2026-27) के लिए मदिरा दुकानों के व्यवस्थापन हेतु नवीनीकरण का प्रावधान सम्मिलित है।

– मदिरा व्यवसाय में प्रदेश के मूल एवं स्थायी निवासियों को प्राथमिकता दी गई है, जिससे राज्य के नागरिकों को स्वरोजगार एवं आर्थिक संबल प्राप्त हो सके।

– उत्तराखण्ड आबकारी नीति विषयक नियमावली, 2025 के अंतर्गत मदिरा दुकानों का व्यवस्थापन नवीनीकरण उपरांत लॉटरी, प्रथम आवक प्रथम पावक तथा अधिकतम ऑफर जैसी पारदर्शी प्रक्रियाओं द्वारा किया जाएगा।

– पहले पर्वतीय क्षेत्रों के कृषकों एवं बागवानों को अपनी उपज के लिए उपयुक्त बाज़ार न मिलने से भारी आर्थिक नुकसान उठाना पड़ता था। अब, राज्य में उत्पादित फलों से वाइन तैयार करने वाली इकाइयों (वाइनरी) को अगले 15 वर्षों तक आबकारी शुल्क इत्यादि से मुक्त रखने का प्रावधान किया गया है। यह कदम न केवल कृषि एवं बागवानी को मज़बूती देगा, बल्कि किसानों को आर्थिक सुरक्षा भी प्रदान करेगा।

– राज्य में मदिरा उद्योग में निवेश को प्रोत्साहित करने हेतु निर्यात शुल्क (एक्सपोर्ट ड्यूटी) में कटौती की गई है, जिससे नवीन औद्योगिक इकाइयों की स्थापना सम्भव हो एवं प्रदेश में प्रत्यक्ष व अप्रत्यक्ष रोज़गार के अवसरों के साथ राजस्व में वृद्धि हासिल हो।

– माल्ट एवं स्प्रिट उद्योगों को पर्वतीय अंचलों में आसानी से स्थापित करने हेतु विशेष सुविधाओं एवं अनुकूल प्रावधानों को शामिल किया गया है।

– विगत वर्ष की भाँति मदिरा निर्माता कंपनियों के स्थान पर उत्तराखण्ड राज्य के मूल एवं स्थायी निवासियों को थोक मदिरा अनुज्ञापन जारी किए जाने की व्यवस्था जारी रहेगी।

– प्रदेश में स्थापित आसवनी इकाइयों (डिस्टिलरी) को स्थानीय कृषि एवं बागवानी उत्पादों का प्रयोग करने हेतु प्रोत्साहित किया जा रहा है, ताकि किसानों को सीधा लाभ प्राप्त हो एवं उनकी आय में बढ़ोतरी हो सके।

– आबकारी नीति-2025 में मदिरा के दुष्प्रभावों एवं ‘रिस्पॉन्सिबल ड्रिंकिंग’ के प्रति जनसाधारण को जागरूक बनाने के लिए व्यापक प्रचार-प्रसार का प्रावधान किया गया है, जिससे समाज में अनुशासित मदिरा सेवन के प्रति संवेदीकरण हो

कैबिनेट (Dhami Cabinet) बैठक के अन्य बड़े फैसले:

-राज्य के आंदोलन के इतिहास को कक्षा 6 से 8 में पढ़ने के लिए ‘हमारी विरासत और विभूतियां’ नामक पाठ्य पुस्तक लागू होंगी

-कक्षा 10 के बाद 3 वर्षीय डिप्लोमा को 12वीं के समकक्ष माना जाएगा।

-गन्ने का न्यूनतम समर्थन मूल्य घोषित। अगेती प्रजाति का 375 प्रति क्विंटल और सामान्य प्रजाति का 365 प्रति क्विंटल तय

-कारागार विभाग की सेवा नियमावली को हरी झंडी

-कार्मिक विभाग के कर्मचारियों को पदोन्नति में शिथिलीकरण को हरी झंडी

-राज्य संपत्ति के समूह ‘ख’ और ‘ग’ की नियमावली को हरी झंडी

-CM एकल महिला स्वरोजगार योजना में 2 लाख रुपए देने की योजना को हरी झंडी

-UPS पेंशन स्कीम को कैबिनेट ने दी हरी झंडी

-स्टांप एवं निबंधन विभाग में 29 नए पदों का सृजन

-गृह विभाग की सेवा नियमावली को हरी झंडी

-ट्राउट पालन को बढ़ावा देने हेतु मत्स्य पालकों के लिए नई योजना को हरी झंडी

-उधम सिंह नगर के पराग फार्म की 1354 एकड़ जमीन सिडकुल को दी जाएगी

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