देहरादून। मुख्य सचिव (SS Sandhu) ने कहा कि जन्म- मृत्यु प्रमाणपत्रों में एकरूपता लाने के लिए सभी विभागों की ओर से सिविल रजिस्ट्रेशन सिस्टम (सीआरएस) पोर्टल के माध्यम से ही जन्म व मृत्यु पंजीकरण अनिवार्य करने के निर्देश दिए।
बुधवार को सचिवालय में मुख्य सचिव डॉ. एस. एस. संधु की अध्यक्षता में जन्म -मृत्यु पंजीकरण के सम्बन्ध में राज्य की अंतर्विभागीय समन्वय समिति की बैठक हुई। इस दौरान मुख्य सचिव ने अधिकारियों को जनगणना निदेशालय उत्तराखण्ड की ओर से दिए गए विभिन्न सुझावों के अनुपालन के निर्देश दिए।
उन्होंने स्वास्थ्य विभाग को इसके लिए शीघ्र शासनादेश जारी किए जाने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि इससे प्रमाणपत्रों में एकरूपता आने के साथ ही यह प्रमाण पत्र अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भी मान्य होगा, जिससे विदेश जाने लिए पासपोर्ट वीजा आदि बनवाने में किसी प्रकार की समस्या नहीं आएगी।
मुख्य सचिव (SS Sandhu) ने राज्य की अंतर्विभागीय समन्वय समिति के समान मण्डल एवं जनपद स्तरीय अंतर्विभागीय समन्वय समिति भी बनाए जाने के निर्देश दिए। उन्होंने जन्म मृत्यु पंजीकरण को अपणी सरकार पोर्टल के साथ ही सेवा का अधिकार में भी शामिल किए जाने के निर्देश दिए। उन्होंने जनगणना कार्य निदेशालय की निदेशक को सिविल रजिस्ट्रेशन सिस्टम (सीआरएस) पोर्टल के संचालन इत्यादि की ट्रेनिंग शीघ्र शुरू कराए जाने के निर्देश भी दिए।
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मुख्य सचिव ने सभी सम्बन्धित विभागों को जन्म एवं मृत्यु पंजीकरण अनिवार्य रूप से किए जाने के भी निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि जानकारी के अभाव में पंजीकरण में देरी होने से प्रमाणपत्रों की आवश्यकता पड़ने पर आमजन को बहुत सी समस्याओं का सामना करना पड़ता है। प्रमाण पत्रों के अभाव में आमजन को समस्या न हो इसके लिए सिस्टम विकसित किया जाए ताकि सम्बन्धित विभागों द्वारा जन्म एवं मृत्यु पंजीकरण अनिवार्य रूप से किया जाए। इसमें लापरवाही बरतने वाले अधिकारी कर्मचारियों की जिम्मेदारी तय करते हुए एसीआर में देर से किए गए केसों को भी अंकित किया जाए।
इस मौके पर सचिव चंद्रेश कुमार यादव, निदेशक जनगणना कार्य निदेशालय शीतल वर्मा सहित अन्य विभागों के उच्चाधिकारी उपस्थित थे।