नई दिल्ली। राजधानी दिल्ली और एनसीआर में बीते करीब एक महीने में डेंगू के मामले लगातार बढ़े हैं। दिल्ली में अब तक डेंगू के 1000 से ज्यादा मामले सामने आ चुके हैं। यहां पिछले 3 साल का रिकॉर्ड टूट गया है। डेंगू के मामले बढ़ने से अस्पतालों पर भी बोझ बढ़ गया है। जिसका नतीजा ये हो रहा है कि मरीजों को अस्पतालों में बेड की कमी का सामना करना पड़ रहा है। यहां तक कि कई अस्पतालों में तो फर्श पर ही मरीजों को लिटा कर इलाज किया जा रहा है। ऐसे में मरीजों को रामलीला मैदान में बने कोविड सेंटर में शिफ्ट किया जा रहा है। दिल्ली सरकार के एलएनजेपी हॉस्पिटल में बेड भरने के चलते मरीजों को यहां शिफ्ट किया गया।
एलएनजेपी अस्पताल के डायरेक्टर डॉ सुरेश के मुताबिक, हर रोज 100 से 150 मरीज बुखार के सामने आ रहे हैं, जिनमें से 45 प्रतिशत डेंगू के पॉजिटिव पाए जा रहे हैं।
घर पर दवाइयां लेना खतरनाक
एलएनजेपी हॉस्पिटल के डायरेक्ट डॉक्टर सुरेश कुमार ने सलाह दी है कि लोग घरों के अंदर अपने आप से दवाइयां लेते हैं, जो कि खतरनाक हो सकता है। डेंगू पॉजिटिव होने पर सबसे पहले डॉक्टर से सलाह लें।
इमरजेंसी सर्जन सेवाएं बंद
वहीं दिल्ली नगर निगम के स्वामी दयानंद अस्पताल में डेंगू के बढ़ते केसों के चलते इमरजेंसी सर्जन सेवाओं को बंद कर दिया गया। अस्पताल में 30-35% मामले डेंगू के हैं। अस्पताल की एडिशनल मेडिकल सुपरिटेंडेंट डॉ माथुर के मुताबिक, अस्पताल में दिल्ली और गाजियाबाद से तकरीबन हर रोज 150 बुखार के केस सामने आ रहे हैं, जिनमें डेंगू पॉजिटिव सबसे ज्यादा है।
डेंगू के लिए दिल्ली सरकार जिम्मेदार
वहीं, राजधानी में डेंगू के केस सामने आने के बाद राजनीति भी तेज हो गई है। साउथ दिल्ली नगर निगम के मेयर मुकेश ने डेंगू के लिए दिल्ली सरकार को जिम्मेदार बताया है। उन्होंने कहा, दिल्ली सरकार सिर्फ विज्ञापन के जरिए 10 हफ्ते 10 दिन का प्रचार कर रही है। लेकिन जमीनी स्तर पर सरकार ने कुछ नहीं किया। अस्पतालों में बेड फुल हो रहे हैं। दिल्ली की सड़कें टूटी हुई हैं, जिसके कारण बारिश का पानी इकट्ठा है। इसके चलते डेंगू बढ़ रहा है।
डेंगू के बढ़ते मामलों के बाद अब दिल्ली नगर निगम आज से महाअभियान शुरू करने जा रही है। इस अभियान के तहत हर वार्ड में दो से तीन बार फागिंग की जाएगी। घर-घर चेकिंग की जाएगी, ताकि डेंगू के मामलों को रोका जा सके।
अस्पतालों का बुरा हाल
दिल्ली नगर निगम के मुताबिक, सिर्फ अक्टूबर महीने के पहले 23 दिन में राजधानी में डेंगू के 665 मामले दर्ज किए गए हैं, जो इस साल के कुल 66 प्रतिशत हैं। ऐसे में अस्पतालों में मरीजों की भारी भीड़ है। दिल्ली के सफदरजंग अस्पताल में इमरजेंसी काउंटर पर रोज लंबी-लंबी लाइन लग रही है। जगह की कमी के चलते अस्पताल में मरीजों और तीमारदारों को फर्श पर बैठे देखा जा सकता है। डॉक्टर भी बेड की कमी के चलते फर्श पर डेंगू के मरीजों का इलाज करते नजर आ रहे हैं। एक बेड पर दो से तीन मरीजों भी देखे जा रहे हैं।
एक बेड पर दो से तीन मरीज
डॉ. राम मनोहर लोहिया अस्पताल में डेंगू वार्ड में एक-एक बेड पर तीन-तीन मरीजों का इलाज किया जा रहा है। एम्स, मैक्स, गंगाराम जैसे बड़े अस्पतालों में भी डेंगू मरीज के बेड भरे हुए हैं। नोएडा के कैलाश अस्पताल ने बेड की कमी को देखते हुए एक कॉन्फ्रेंस हॉल में अस्थायी तौर पर अतिरिक्त बेड की व्यवस्था की है। अस्पताल में डेंगू के मरीजों की भीड़ को देखते हुए ये किया गया है। साकेत के मैक्स अस्पताल में भी काफी भीड़ है। सरकारी अस्पतालों के साथ-साथ निजी अस्पतालों में भी बेड की कमी देखी जा रही है।
कई राज्यों में डेंगू का कहर
दिल्ली और एनसीआर में तो डेंगू कहर बरपा ही रहा है। कई दूसरे राज्यों में भी डेंगू के केस तेजी से बढ़े हैं। राजस्थान, उत्तर प्रदेश, मध्यप्रदेश, हरियाणा और तमिलनाडु इससे सबसे ज्यादा प्रभावित हैं। दिल्ली में डेंगू के 1000 से ज्यादा मामले सामने आ चुके हैं। दिल्ली से सटे हरियाणा के गुरुग्राम में इस महीने 200 से ज्यादा केस मिले हैं। राजस्थान में सितंबर और अक्टूबर में काफी तेजी से डेंगू के मामले बढ़े हैं। मध्य प्रदेश और उत्तर प्रदेश के भी कई जिलों में डेंगू की स्थिति काफी चिंताजनक है।