26 जनवरी पर पुलिस और प्रदर्शनकारी किसानों के बीच हिंसक झड़प हुई थी, जिसके बाद दिल्ली पुलिस ने दिल्ली बॉर्डर पर जबरदस्त बैरिकेडिंग की थी। किसान दिल्ली में न घुस पाएं, इसके लिए पुलिस ने सड़कों पर नुकीले तार बिछा दी थी, सीमेंट की दीवार खड़ी कर दी थी, जनता ने पुलिस की इस कार्रवाई की आलोचना की थी।
दिल्ली पुलिस ने बैरिकेडिंग में कितना पैसा खर्च किया ये जानने के लिए इंडिया टुडे ने आरटीआई दाखिल की, ये भी पूछा गया कि पुलिस तैनाती में कितना खर्च आया? आउटर डिस्ट्रिक्ट पुलिस ने बताया कि, “टिकरी बॉर्डर पर मल्टीलेयर बैरिकेडिंग करने पर अब तक 7,49,078 रुपए खर्च हुए हैं।”
गाजीपुर बॉर्डर पर अब तक 1.57 लाख रुपए खर्च हो चुके हैं, आउटर नॉर्थ डिस्ट्रिक्ट पुलिस ने सिंघु बॉर्डर की कोई जानकारी देने से मना कर दिया, जो सवाल खड़े करता है।
सभी पक्षों को अपनी हठ छोड़कर एक दूसरे के साथ पूरी इज्जत से पेश आना चाहिए। इस संवेदनशील मसले को सुलझाने का काम किसी तीसरे को नहीं दिया जा सकता। जो गतिरोध कायम है, उसके लिए हुक्मरानों की सीधी भागीदारी की जरूरत है।
इसलिए राजनीतिक आक्षेपों से बचना चाहिए और राजनीतिक प्रभुत्व जमाने से भी। फिर, यह प्रदर्शनकारी किसानों की भी जिम्मेदारी है कि वे विपक्षी दलों के भुलावे में न आएं। वे लोग पूरे संवाद को दूषित कर सकते हैं। अपने फायदे के लिए इस्तेमाल कर सकते हैं।