नई दिल्ली। बॉलीवुड के सुपरस्टार रजनीकांत ने केंद्र सरकार पर दिल्ली की हिंसा को लेकर निशाना साधा है। इस हिंसा में अब तक 34 लोगों की मौत हो चुकी है। अभिनेता का कहना है कि हिंसा केंद्र के खुफिया विफलता का नतीजा हैं। नागरिकता संशोधन कानून के समर्थन में दिए बयान को लेकर उन्होंने कहा कि वह भाजपा के मुखपत्र नहीं हैं।
खुफिया विफलता का मतलब है कि गृह मंत्रालय विफल हुआ
चेन्नई में पत्रकारों से बात करते हुए रजनीकांत ने कहा कि निश्चित रूप से यह केंद्र सरकार की खुफिया विफलता है। मैं मजबूती से केंद्र सरकार की निंदा करता हूं। हाथों में लोहे की रॉड लिए प्रदर्शन किए गए हैं। खुफिया एजेंसियों ने अपना काम ठीक तरह से नहीं किया। खुफिया विफलता का मतलब है कि गृह मंत्रालय विफल हुआ है।
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हथियारों से लैस भीड़ ने वाहनों, घरों, दुकानों और लोगों पर हमला किया, हिंसा में 200 से ज्यादा लोग घायल हुए
पूर्वोत्तर दिल्ली में हुई हिंसा में 200 से ज्यादा लोग घायल हुए हैं। यह हिंसा चार दिन पहले नागरिकता संशोधन कानून (CAA ) के समर्थन और खिलाफ में हुई रैली से शुरू हुआ। हथियारों से लैस भीड़ ने वाहनों, घरों, दुकानों और लोगों पर हमला किया। इससे पहले रजनीकांत ने सीएए को लेकर कहा था कि इससे मुस्लिमों को डरने की जरुरत नहीं है।
भाजपा के मुखपत्र की तरह प्रस्तुत किए जाने से मैं दुखी हूं, मैंने केवल सच कहा
सुपरस्टार ने कहा था कि यदि समुदाय को कानून के कारण किसी परेशानी का सामना करना पड़ता है तो वह इसलके खिलाफ आवाज उठाने वाले पहले व्यक्ति होंगे। उन्होंने बुधवार को भी अपनी टिप्पणी दोहराई। उन्होंने कहा, ‘मैं हर उस व्यक्ति के साथ खड़ा रहूंगा जो सीएए से प्रभावित होगा। भाजपा के मुखपत्र की तरह प्रस्तुत किए जाने से मैं दुखी हूं। मैंने केवल सच कहा है।’
डोभाल ने संभाला मोर्चा
हिंसा को लेकर बुधवार को राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल ने मोर्चा संभाला। प्रधानमंत्री मोदी ने हिंसा पर समीक्षा बैठक के बाद डोभाल को हालात संभालने की जिम्मेदारी दी थी, जिसके बाद उन्होंने दिल्ली पुलिस के शीर्ष अधिकारियों के साथ बैठक की और दोपहर में कुछ हिंसा ग्रस्त इलाकों में स्थिति का जायजा लिया।
मौजपुर पहुंचकर डोभाल कार से उतरे और वहां मौजूद लोगों की तरफ बढ़कर अपनापन दिखाते हुए बातें करने लगे। वे उत्तर-पूर्वी जिले में हिंसा प्रभावित इलाकों का दौरा करने आए थे। इस दौरान उन्होंने इलाके के लोगों से हाथ मिलाया, कंधे पर हाथ रखा और तसल्लीपूर्वक उनका दुख-दर्द सुना। उन्होंने कहा कि जो हो गया, वह हो गया।