नई दिल्ली। रक्षा मंत्रालय ने आज हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स लिमिटेड से 12 हेलीकॉप्टरों सहित 7,965 करोड़ रुपये के हथियारों और सैन्य उपकरणों की खरीद को मंजूरी दे दी। इस मामले पर मंत्रालय की निर्णय लेने वाली सर्वोच्च संस्था रक्षा अधिग्रहण परिषद की बैठक में खरीद प्रस्तावों को मंजूरी दी गई।
जानकारी के मुताबिक, डीएसी ने 12 लाइट यूटिलिटी हेलीकॉप्टर खरीदने के प्रस्ताव के अलावा भारत इलेक्ट्रॉनिक्स लिमिटेड से लिंक्स यू2 नेवल गनफायर कंट्रोल सिस्टम की खरीद को भी मंजूरी दी, जो नौसेना के युद्धपोतों की निगरानी और संचालन क्षमताओं को बढ़ाएगा। डीएसी ने हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स लिमिटेड द्वारा डोर्नियर विमान के उन्नयन को भी मंजूरी दी है, जिसका मकसद नौसेना की समुद्री टोही और तटीय निगरानी क्षमता को बढ़ाना है।
राजनाथ सिंह अध्यक्षता में हुई बैठक में लिया निर्णय
जानकारी के मुताबिक, रक्षा अधिग्रहण परिषद ने 2 नवंबर 2021 को रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह अध्यक्षता में हुई अपनी बैठक में सशस्त्र बलों के आधुनिकीकरण और परिचालन संबंधी जरूरतों के लिए 7,965 करोड़ रुपये के प्रस्तावों को स्वीकृति प्रदान की। गौरतलब है कि ये सभी प्रस्ताव ‘मेक इन इंडिया’ के तहत मंजूर किए गए हैं। सैन्य उपकरण ऐसे समय में खरीदे जा रहे हैं जब भारत और चीन के सुरक्षा बल पूर्वी लद्दाख में आमने-सामने हैं और दोनों पक्षों में गतिरोध जारी है।
बता दें कि भारत ने हाल ही में चीन सीमा पर अमेरिका में बने हथियारों को तैनात किया है। अमेरिकी हथियारों को तैनात करने से भारत की सैन्य ताकत बढ़ी है। भारत की ओर से अपनी क्षमताओं को बढ़ाने के लिए ये एक नए आक्रामक बल का हिस्सा है, क्योंकि हिमालय में विवादित क्षेत्र को लेकर दोनों देशों के बीच गतिरोध काफी लंबे समय से जारी है।
अमेरिका में बने चिनूक हेलीकॉप्टर, अल्ट्रा-लाइट टोड हॉवित्जर और राइफल्स के साथ-साथ घरेलू स्तर पर निर्मित सुपरसोनिक क्रूज मिसाइल और एक नए जमाने की निगरानी प्रणाली पूर्वी तिब्बत की सीमा से लगे क्षेत्रों में भारतीय सैनिक की स्थिति को मजबूत करेंगे। पिछले कुछ सालों में अमेरिका से भारत ने सभी हथियार हासिल कर लिए हैं। चीन की मुखरता से बढ़ती चिंता के कारण अमेरिका और भारत के बीच रक्षा संबंध काफी मजबूत हुए हैं।