देश के पहले चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ जनरल बिपिन रावत ( CDS Bipin Rawat Funeral Ceremony) पत्नी मधुलिका समेत हमसे विदा हो गए। दोनों विवाह की वेदी से चिता तक साथ रहे। 36 साल पहले दोनों ने अग्नि के सात फेरे लेकर साथ निभाने का वचन दिया था, जिसे मुखाग्नि तक निभाया।
दिल्ली के आर्मी कैंट में गुरुवार को जनरल रावत और उनकी पत्नी की पार्थिव देह को एक ही चिता पर अंतिम विदाई दी गई। दोनों बेटियों कीर्तिका और तारिणी ने एकसाथ उन्हें मुखाग्नि ( CDS Bipin Rawat Funeral Ceremony) दी।
जनरल रावत की अंतिम यात्रा भावुक कर देने वाली रही। सेना के किसी सर्वोच्च अफसर की अंतिम यात्रा के लिए शायद ही दिल्ली में कभी ऐसी भीड़ उमड़ी हो। पूरे रास्ते पर लोगों ने फूल बरसाए और शव वाहन के साथ-साथ तिरंगा लेकर दौड़े। नारे लगाते रहे- जनरल बिपिन रावत अमर रहें। अंतिम संस्कार के दौरान पूरा आर्मी कैंट भारत माता की जय के नारों से गूंजता रहा।
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तीनों सेनाध्यक्षों और रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने जनरल रावत को अंतिम श्रद्धांजलि दी। उन्हें 17 तोपों की सलामी दी गई और इस दौरान 800 मिलिट्री पर्सनल मौजूद थे। जनरल रावत और उनकी पत्नी की तमिलनाडु के कुन्नूर में 8 दिसंबर को हुए हेलिकॉप्टर हादसे में मौत हो गई थी। इस हादसे में कुल 13 लोगों की मौत हुई है।