आगरा। ‘हिन्दी से न्याय’ इस देशव्यापी-अभियान के नेतृत्व-पुरुष एवम् प्रख्यात न्यायविद् चन्द्रशेखर पण्डित भुवनेश्वर दयाल उपाध्याय (CS Upadhyay) अपने छठवें अखिल भारतीय प्रवास के दौरान आज दूसरी बार आगरा पहुंचे, जन्मभूमि पहुंचने पर अभियान की वृहद उत्तर-प्रदेश (पूर्वांचल-प्रान्त, विंध्याचल-प्रान्त पश्चिमांचल-प्रान्त तथा दक्षिणांचल-प्रान्त) शाखा के राज्याधिपति ( प्रान्त-प्रमुख) एवम् सुप्रसिद्ध शिक्षाविद् डाक्टर देवी सिंह नरवार तथा पश्चिमांचल प्रान्त के महामात्य (संगठन) डाक्टर योगेन्द्र सिंह ने उन्हें अनुच्छेद 348 में संशोधन किये जाने की अभियान की मांग के समर्थन में एक लाख से अधिक हस्ताक्षर सौंपें।
बताते चलें कि उपाध्याय देश की शीर्ष-अदालतों (सुप्रीम कोर्ट एवम् 25 हाईकोर्टस) में सारा कामकाज हिन्दी एवम् अन्य भारतीय-भाषाओं (संविधान की अष्टम अनुसूची में उल्लिखित 22 भाषाएं, जिनकी लिपि उपलब्ध है) में सम्पादित किये जाने हेतु पिछले सवा तीन दशक से अधिक समय से ‘हिन्दी से न्याय’ यह देशव्यापी-अभियान चला रहे हैं।
भारतीय जनता पार्टी के पूर्ववर्ती-दल भारतीय जनसंघ के स्थापना एवम् प्रेरणा-पुरूष पण्डित दीनदयाल उपाध्याय के प्रपौत्र चन्द्रशेखर पण्डित भुवनेश्वर दयाल उपाध्याय (CS Upadhyay) हिन्दी माध्यम से एल-एल.एम. उत्तीर्ण करने वाले पहले भारतीय छात्र हैं। पिछले लगभग एक दशक में इस न्यायिक-भाषायी स्वतंत्रता अभियान की 31 प्रान्तों की टीमों ने देशभर से लगभग पौने दो करोड़ से अधिक हस्ताक्षर प्राप्त किये है, ‘हिन्दी से न्याय’ (Hindi se Nyay) इस देशव्यापी-अभियान को दुनिया के तमाम देशों से भी व्यापक- समर्थन हासिल हो रहा है, विदेशों में रह रहे अप्रवासी-भारतीयों ने बड़ी-संख्या में अभियान के समर्थन में हस्ताक्षर किये हैं।
उत्तर-प्रदेश में सेशन कोर्ट में जज रहे श्री उपाध्याय (CS Upadhyay) ने उत्तराखण्ड में देश के सबसे कम आयु के एडीशनल एडवोकेट जनरल रहते हुए 12 अक्टूबर, 2004 को इलाहाबाद हाईकोर्ट में हिन्दी में प्रतिशपधपत्र प्रस्तुत कर एक इतिहास रच दिया था, उत्तराखण्ड के मुख्यमंत्री के ओएसडी (न्यायिक, विधायी एवम् संसदीय- कार्य) रहते हुए उन्होंने नैनीताल हाईकोर्ट में हिन्दी में वाद-कार्यवाही शुरू करायी थी एवं विधि-आयोग में सदस्य (समकक्ष प्रमुख सचिव, विधायी) के दायित्व से 2013 में नैनीताल हाईकोर्ट में हिन्दी में याचिका भी उन्होंने ही स्वीकार करायी थी।
श्री उपाध्याय (CS Upadhyay) को आज सौंपे गये हस्ताक्षर पिछले डेढ़ माह में आगरा के दर्जनों इण्टर व डिग्री कालेजों के विद्यार्थियों से प्राप्त किये गये हैं।
तीन दशक पुराने ‘न्यायिक-भाषायी स्वतंत्रता अभियान’ को चंद्रशेखर ले आए हैं अंतिम द्वार पर
इससे पहले जनवरी, 2020 में शुरू किये गये हस्ताक्षर अभियान के तहत भी आगरा से लगभग डेढ़ लाख से अधिक नागरिकों का समर्थन हासिल किया गया था आज सौंपे गये हस्ताक्षर के पश्चात यह संख्या अब ढाई-लाख से अधिक पहुंच गयी है, हस्ताक्षर-अभियान की सफलता से उत्साहित वृहद उत्तर-प्रदेश के राज्याधिपति (प्रान्त-प्रमुख) डाक्टर नरवार ने संकल्प व्यक्त किया कि वृहद उत्तर-प्रदेश से बीस लाख से अधिक हस्ताक्षर प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को भेजे जायेंगे, बताते चले कि सारे देश व विदेशों से भी दो करोड़ हस्ताक्षर कराने का लक्ष्य तय हुआ था, यह संख्या अब लगभग पौने दो करोड़ को पार कर गयी है।