लखनऊ। प्रदेश में अपराध (Crime) और अपराधियों के खिलाफ जीरो टॉलरेंस नीति के तहत ताबड़तोड़ कार्रवाई कर रही योगी सरकार (Yogi Government) ने एक बार फिर बड़ी उपलब्धि दर्ज की है। एनसीआरबी के वर्ष 2022 के आंकड़ों से साबित हो गया है कि प्रदेश में अपराधियों के लिए कोई जगह नहीं है। एनसीआरबी के आंकड़ों पर गौर करें तो देश में 35 लाख से अधिक मुकदमे दर्ज किए गए जबकि यूपी में 4,01,787 ही मुकदमे हुए। पूरे देश के क्राइम रेट 258.1 प्रतिशत के सापेक्ष यूपी का 171.6 प्रतिशत है जबकि देश में दर्ज मुकदमों के सापेक्ष यूपी में दर्ज मुकदमों का रेश्यो 11.28 प्रतिशत रहा। देश के अन्य राज्यों और केंद्र शासित राज्यों के मुकाबले यूपी दर्ज मुकदमों में 20वें स्थान पर है जबकि उत्तर प्रदेश पूरे देश में सबसे ज्यादा जनसंख्या वाला राज्य है। इसका रेश्यो 16.89 प्रतिशत है, जो यह दर्शाता है कि कई छोटे राज्यों की तुलना में यूपी में अपराधिक घटनाओं में काफी कमी आई है। इसके अलावा महिला संबंधी अपराधों में सजा दिलाने में यूपी ने बड़े राज्यों में बाजी मारी है।
यूपी से अधिक है झारखंड का क्राइम रेट (Crime Rate)
एनसीआरबी के आंकड़ों के अनुसार देश में हत्या के 28,522 मुकदमे दर्ज किए गए, जिसका क्राइम रेट (प्रति एक लाख जनसंख्या के सापेक्ष अपराधों की संख्या को अपराध दर के रूप में परिभाषित किया गया) 2.1 प्रतिशत है। उत्तर प्रदेश में हत्या के 3,491 मुकदमे दर्ज किए गए हैं, जिसका क्राइम रेट 1.5 प्रतिशत है। ऐसे में हत्या के मामले में यूपी 28 वें स्थान पर है। वहीं उत्तर प्रदेश से अधिक झारखंड में हत्या का क्राइम रेट 4 प्रतिशत, अरुणाचल प्रदेश का क्राइम रेट 3.6 प्रतिशत और छत्तीसगढ़, हरियाणा का 3.4 प्रतिशत है। इसी तरह देश में हत्या के प्रयास के 57,256 मुकदमे दर्ज किए गए, जिसका क्राइम रेट 4.1 प्रतिशत है।
उत्तर प्रदेश में हत्या के प्रयास के 3,788 मुकदमे दर्ज किए गए, जिसका क्राइम रेट 1.6 प्रतिशत के साथ पूरे देश में यूपी 25 वें स्थान पर है। इसी तरह देश में शीलभंग के 83,344 मुकदमे दर्ज किए गए, जिसका क्राइम रेट 12.4 प्रतिशत है। यूपी में शीलभंग के 10,548 मुकदमे दर्ज किए गए, जिसका क्राइम रेट 9.4 प्रतिशत के साथ पूरे देश में यूपी 17 वें स्थान पर है। वहीं यूपी से अधिक उड़ीसा में शीलभंग का क्राइम रेट 32 प्रतिशत, केरल का 26.6 प्रतिशत और जम्मू कश्मीर का 24.9 प्रतिशत है। देश में फिरौती के अपहरण के 615 मुकदमे दर्ज किए गए जबकि उत्तर प्रदेश में महज 30 मुकदमे दर्ज किए गए। ऐसे में फिरौती के अपहरण के मुकदमे के मामले में यूपी 30 वें स्थान पर है।
अंडमान में पॉक्सो एक्ट का क्राइम रेट 97.1 प्रतिशत
देश में दुष्कर्म के 31,516 मुकदमे दर्ज किए गए, जिसका क्राइम रेट 4.7 प्रतिशत है। यूपी में दुष्कर्म के 3,690 मुकदमे दर्ज किए गए, जिसका क्राइम रेट 3.3 प्रतिशत के साथ यूपी देश में 24वें स्थान पर है। वहीं यूपी से अधिक उत्तराखंड में दुष्कर्म का क्राइम रेट 15.4 प्रतिशत, चंडीगढ़ में 13.9 प्रतिशत और राजस्थान 13.9 प्रतिशत है। इसी तरह देश में बलवा के 57,082 मुकदमे दर्ज किए गए, जिसका क्राइम रेट 4.1 प्रतिशत है।
उत्तर प्रदेश में बलवा के 4,745 मुकदमे दर्ज किए, जिसका क्राइम रेट 2 प्रतिशत के साथ देश में 24वें स्थान पर है। देश में नकबजनी के 1,07,222 मुकदमे दर्ज किए गए है, जिसका क्राइम रेट 7.8 प्रतिशत है। यूपी में नकबजनी के 6,906 मुकदमे दर्ज किए गए, जिसका क्राइम रेट 3 प्रतिशत है। इसी के साथ यूपी नकबजनी के मामले में देश में 31 वें स्थान पर है। वहीं देश में लूट के 28,356 मुकदमे दर्ज किए गए, जिसका क्राइम रेट 2.1 प्रतिशत है। यूपी में 1,975 मुकदर्म दर्ज किए गए, जिसका क्राइम रेट 0.8 प्रतिशत के साथ यूपी देश में 27वें स्थान पर है जबकि यूपी से अधिक लूट में दिल्ली का क्राइम रेट 8.6 प्रतिशत, उड़ीसा का 6.5 प्रतिशत है। देश में डकैती के 2,666 मुकदमे दर्ज किए गए, जिसका क्राइम रेट 0.2 प्रतिशत है।
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यूपी में डकैती के 80 मुकदमे दर्ज किए गए, जिसका क्राइम रेट शून्य के साथ 31वें स्थान पर है। यूपी से अधिक उड़ीसा में डकैती का क्राइम रेट 0.9 प्रतिशत, मेघालय में 0.5 और चंडीगढ़ में 0.4 प्रतिशत है। देश में पॉक्सो एक्ट के तहत 63,414 मुकदमे दर्ज किए गए हैं, जिसका क्राइम रेट 14.3 प्रतिशत है। यूपी में पॉक्सो एक्ट के तहत 8,136 मुकदमे दर्ज किए गए हैं, जिसका क्राइम रेट 9.5 प्रतिशत के साथ यूपी देश में 25वें स्थान पर है। वहीं यूपी से अधिक अंडमान निकोबार का क्राइम रेट 97.1 प्रतिशत, लक्षद्वीप का 55.3 प्रतिशत और सिक्किम का 50 प्रतिशत है।
यूपी में वर्ष 2022 में 70.8 प्रतिशत महिला संबंधी अपराधों में दिलायी गई सजा
उत्तर प्रदेश में जहां एक ओर गंभीर अपराधिक मामलों में गिरावट दर्ज की गई है, वहीं दूसरी ओर प्रदेश में महिला संबंधी अपराध में सजा दिलाने की दर राष्ट्रीय औसत से 180 प्रतिशत से अधिक दर्ज की गई है। एनसीआरबी के आंकड़ों के अनुसार देश का महिला संबंधी अपराध में सजा दिलाने की राष्ट्रीय औसत दर 25.3 प्रतिशत है। वर्ष 2022 की रिपोर्ट के अनुसार उत्तर प्रदेश में 70.8 प्रतिशत महिला संबंधी अपराधों में सजा दिलायी गई है। वहीं मिजोरम में 68 प्रतिशत, बिहार में 60.9 प्रतिशत, छत्तीसगढ़ में 59.5 प्रतिशत और मणिपुर में 56.4 प्रतिशत महिला संबंधी अपराधों में सजा दिलायी गई है।