लखनऊ। बहुत से माता-पिता कोरोनावायरस के चलते बच्चों के स्कूल बंद होने से खासा परेशान हैं। कहते हैं न कि किसी बड़े लक्ष्य को हासिल करने के लिए छोटी मुश्किलें उठानी पड़ती हैं। कोरोना वायरस के संक्रमण को फैलने से रोकने के लिए एहतियातन उठाए गए कदमों की भी यही कहानी है।
अभिभावकों के सामने यह बड़ी मुश्किल है कि समय कैसे काटा जाए खासकर बच्चों का मनोरंजन कैसे किया जा सके?
स्कूलों में हुई छुट्टी के बाद घर में रहने को मजबूर बच्चों और उनके अभिभावकों के सामने यह बड़ी मुश्किल है कि समय कैसे काटा जाए खासकर बच्चों का मनोरंजन कैसे किया जा सके? क्योंकि इन हालात में उन्हें दूसरी सार्वजनिक जगहों पर भी नहीं ले जाया जा सकता है।
20 मिनट से ज्यादा किसी भी व्यक्ति को कोई भी डिजिटल स्क्रीन नहीं देखनी चाहिए
लिहाजा ज्यादातर बच्चों का समय इन दिनों घरों में मोबाइल फोन पर गेम या फिर टीवी पर कार्टून देखने में ही बीत रहा है लेकिन डाक्टरों का मानना है कि उनकी आंखों की सेहत के लिए ये बिल्कुल भी अच्छा नहीं है। ज्यादा देर मोबाइल , आईपैड, लैपटॉप या फिर टीवी देखना बच्चों की आंखों के लिए घातक हो सकता है। लखनऊ के किंग जॉर्ज मेडिकल यूनिवर्सिटी के नेत्र रोग विभाग की HOD डॉ. अपजीत कौर का कहना है कि 20 मिनट से ज्यादा किसी भी व्यक्ति को कोई भी डिजिटल स्क्रीन नहीं देखनी चाहिए क्योंकि ऐसा करने से आंखों की परत सूखने लगती है। इससे आंखों में दर्द पैदा होता है और फिर इंसान आंखों को रगड़ना शुरू कर देता है जिसकी वजह से हाथों से कोई भी इंफेक्शन आंखों में पहुंच जाने का खतरा होता है।
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तो फिर क्या करें?
डॉ. कौर ने बताया कि हर 20 मिनट के बाद कुछ देर के लिए स्क्रीन देखना बन्द कर देना चाहिए और पलक झपकाना चाहिए। ऐसा करने से आंखों में लिक्विड की लेयर आंखों के ऊपर आ जाती है और उसे ड्राई होने से बचाती है। पलक झपकने के बाद लुब्रिकेंट की लेयर आंखों पे बिछ जाती है साथ ही कॉर्निया को ऑक्सीजन भी मिल जाती है। इसलिए ये एक्सरसाइज बच्चों को तो रेगुलर तौर पर करवाते ही रहें और बड़े भी इसे दोहराते रहें।