नई दिल्ली। केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय के मुताबिक, देश में अब तक कुल 10,45,28,565 वैक्सीन की डोज लगाई जा चुकी है। इसमें 9,15,87,400 लोगों को पहली डोज और 1,29,41,165 लोगों को दोनों डोज लगाई जा चुकी है।
देश में कोरोना वायरस के बढ़ते मामलों के बीच कांग्रेस नेता राहुल गांधी (Rahul Gandhi) ने एक बार फिर सभी को वैक्सीन लगाने की मांग उठाई। उन्होंने ट्विटर पर एक वीडियो शेयर करते हुए लिखा, “कोरोना वैक्सीन देश की जरूरत है। आप भी इसके लिए अपनी आवाज बुलंद कीजिए- सबको हक है सुरक्षित जीवन का।”
प्रियंका गांधी बोलीं- वैक्सीन बाहर भेजने की बजाय भारतीयों को लगाएं
उन्होंने कांग्रेस की ओर से ‘स्पीकअप फॉर वैक्सीन्स फॉर ऑल’ हैशटैग से चलाए गए सोशल मीडिया अभियान को लेकर यह ट्वीट किया। राहुल गांधी (Rahul Gandhi) इससे पहले भी केंद्र सरकार से सभी उम्र के लोगों को वैक्सीन लगाने और दूसरे देशों को एक्सपोर्ट की जा रही वैक्सीन पर रोक लगाने की मांग कर चुके हैं।
राहुल (Rahul Gandhi) के अलावा कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी (Rahul Gandhi) ने भी सबको वैक्सीन लगाने की मांग उठाई और पीएम केयर्स फंड के इस्तेमाल को लेकर केंद्र सरकार पर सवाल उठाया। उन्होंने ट्विटर पर लिखा, “क्योंकि सबके लिए वैक्सीन जुमला न बने क्योंकि सरकार इवेंट से ज्यादा जनता पर ध्यान दे क्योंकि सबको जानने का हक है कि पीएम केयर के नाम पर इकट्ठा फंड कहां खर्च हो रहा है क्योंकि वैक्सीन बाहर भेजने की बजाय, सरकार हर भारतीय को वैक्सीन देने पर ध्यान लगाए।”
कोरोना वैक्सीन देश की ज़रूरत है।
आप भी इसके लिए अपनी आवाज़ बुलंद कीजिए- सबको हक़ है सुरक्षित जीवन का।#SpeakUpForVaccinesForAll pic.twitter.com/qcxFZuzR2x
— Rahul Gandhi (@RahulGandhi) April 12, 2021
देश में अभी 45 साल से अधिक उम्र के लोगों को वैक्सीन लगाई जा रही है। केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय के मुताबिक, देश में अब तक कुल 10,45,28,565 वैक्सीन की डोज लगाई जा चुकी है। इसमें 9,15,87,400 लोगों को पहली डोज और 1,29,41,165 लोगों को दोनों डोज लगाई जा चुकी है। रविवार को देश भर में 29,33,418 वैक्सीन की डोज लगाई गई। भारत में सोमवार को कोरोना वायरस संक्रमण के रिकॉर्ड 1,68,912 नए मामले दर्ज किए गए।
राहुल गांधी (Rahul Gandhi) ने पीएम मोदी को लिखा था पत्र
कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी (Rahul Gandhi) ने पिछले सप्ताह प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को पत्र लिखकर आग्रह किया था कि कोरोना वायरस वैक्सीन की खरीद और वितरण में राज्यों की भूमिका बढ़ाई जाए और वैक्सीन एक्सपोर्ट पर तत्काल रोक लगाई जाए। उन्होंने 8 अप्रैल को अपने पत्र में यह आरोप भी लगाया कि केंद्र सरकार की ओर से सही तरीके से क्रियान्वयन न किए जाने और उसमें ‘लापरवाही’ के कारण वैक्सीनेशन का प्रयास कमजोर पड़ता दिख रहा है।
उन्होंने प्रधानमंत्री से यह भी कहा था कि वैक्सीन का उत्पादन करने वालों को जरूरी संसाधन मुहैया कराए जाएं ताकि टीके तैयार करने की क्षमता में इजाफा हो सके। उन्होंने देश में कोरोना वायरस की नई लहर आने और वैक्सीनेशन की गति धीमी होने का आरोप लगाया। उन्होंने दावा किया कि अगर मौजूदा गति से वैक्सीनेशन चलता रहा तो देश की 75 फीसदी आबादी को टीका लगाने में कई साल लग जाएंगे।
उन्होंने पत्र में लिखा था, ‘‘वैक्सीन के निर्यात पर तत्काल रोक लगाई जाए। नियमों और दिशानिर्देशों के अनुसार दूसरी वैक्सीन को जल्द अनुमति दी जाए जिन्हें भी वैक्सीन की जरूरत है उनके लिए टीकाकरण की व्यवस्था की जाए। वैक्सीनेशन के लिए तय राशि 35,000 करोड़ रुपए में बढ़ोतरी की जाए।’’ उन्होंने प्रधानमंत्री से यह भी कहा था कि इस मुश्किल समय में गरीब तबकों को सीधी आर्थिक मदद दी जाए।