गाजियाबाद। गाजियाबाद नगर निगम (Ghaziabad Municipal Corporation) ने देश का पहला ग्रीन म्युनिसिपल बॉन्ड बुधवार (31 मार्च) को जारी कर दिया है। इस बॉन्ड के जरिए नगर निगम ने 150 करोड़ रुपये का फंड जुटाया है। इसमें 100 करोड़ रुपये बेस इशू और 50 करोड़ रुपये ग्रीन इशू से जुटे हैं।
भारत में पहली बार ग्रीन म्युनिसिपल बॉन्ड जारी किया और 10 % की कूपन दर पर 150 करोड़ रुपये (बेस इशू आरएस 100 सीआर विद ग्रीन शू ऑप्शन 50 करोड़ रुपये) का सफलतापूर्वक समापन किया, जिसे अत्यधिक प्रतिस्पर्धी कहा जा सकता है।
150करोड़ के म्युनिसिपल बॉन्ड के अलावा 401 करोड़ रुपये की 40 ऑनलाइन बिड्स बाम्बे स्टॉक एक्सचेंज (BSE) के ऑनलाइन बिडिंग प्लेटफार्म पर मिली हैं। इस प्रकार गाजियाबाद म्युनिसिपल बॉन्ड 4 गुना सब्सक्राइब हुआ। बॉन्ड का सब्सक्रिप्शन 8.10 के कूपन रेट पर हुआ, जो म्युनिसिपल बाण्ड के इतिहास में सबसे कम दरों में से एक है। पहले एक मिनट में ही पूरा इशू सब्सक्राइब हो गया।
मुख्य बातें:-
- इस बॉन्ड से टर्शियरी सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट (टीएसटीपी) का निर्माण किया जाएगा।
- इस प्लांट से गंदे पानी को साफ कर उसे इंडस्ट्रियल वॉटर के लायक बनाकर उसका इस्तेमाल किया जाएगा।
- गाजियाबाद में साहिबाबाद इंडस्ट्रियल एरिया के लिए इस परियोजना को तैयार किया जा रहा है।
- इस प्रोजेक्ट की कुल लागत लगभग 240 करोड़ रुपये है, जिसकी पार्ट फंडिंग गाजियाबाद नगर निगम के ग्रीन म्युनिसिपल बॉन्ड से की जाएगी।
- इस योजना के लिए गाजियाबाद नगर निगम एक फर्म से डीपीआर भी तैयार करा चुका है।
- योजना के लागू हो जाने से उद्योगों की ग्राउंड वॉटर पर निर्भरता खत्म हो जाएगी।
- नगर निगम को इस प्रोजेक्ट से आमदनी भी होगी।
- नगर निगम उद्योगों को पानी की आपूर्ति के बदले यूजर चार्ज लेगा।
- ये प्रोजेक्ट लगभग 27 से 30 महीने के अंदर तैयार होने की उम्मीद है।
- ये प्लांट इंदिरापुरम गाजियाबाद में लगाया जाएगा।
गाजियाबाद (Ghaziabad Municipal Corporation) में तृतीयक स्तर के अपशिष्ट जल उपचार संयंत्र के लिए ग्रीन बांड फंड का उपयोग किया जाना है वापस पानी खरीदने के लिए उद्योग संघ के साथ समझौता किया गया है।