अकुशल, अर्ध-कुशल और कुशल श्रमिकों के न्यूनतम वेतन में केजरीवाल सरकार ने वृद्धि कर दी है। वृद्धि 1 अप्रैल, 2021 से प्रभावी होगी। इस कदम से श्रमिकों को कोरोना त्रासदी से लड़ने और उससे उबरने में काफी मदद मिलेगी।
उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने कहा- ये कदम गरीब और मजदूर वर्ग के हित में उठाए गए हैं, उन्होंने महामारी की वजह से काफी परेशानी झेली।
उन्होंने कहा- असंगठित क्षेत्र के जो लोग न्यूनतम मजदूरी पर कार्यरत हैं उन्हें महंगाई भत्ते से वंचित नहीं किया जाना चाहिए।
अकुशल मजदूरों का मासिक वेतन 15,492 से 15,908 रुपए, अर्धकुशल श्रमिकों का 17,069 से 17,537 रुपए और कुशल मजदूरों का 18,797 से 19,291रुपए किया गया है।
इसके अलावा सुपरवाइजर और लिपिक वर्ग के कर्मचारियों के लिए भी न्यूनतम वेतन में वृद्धि की गई है। इस आर्थिक सहायता से कम ही सही लेकिन अर्थव्यवस्था का चक्र थोड़ा तो घूमेगा।
कोरोना महामारी से सबसे ज्यादा त्रस्त श्रमिक वर्ग ही है, जिसको दो पहर की रोटी तक के लाले पड़ गए। केजरीवाल सरकार का श्रमिकों की सामाजिक और आर्थिक सुरक्षा का कदम, एक सराहनीय कदम है।
देश के कई बड़े अर्थशास्त्रियों ने ऐसे सुझाव दिए कि गरीब लोगो के अकाउंट(डीबीटी के तहत) में कुछ पैसा सरकार को डालना चाहिए, जिससे पीड़ित वर्ग की सहायता के साथ देश की अर्थव्यवस्था का पहिया भी चल पड़ेगा। बेरोजगारी, मंदी और महंगाई जैसी समस्याओं से देश जल्द ही उभर पाएगा।