कोरोना की दूसरी लहर के बीच बेलगाम महंगाई ने आम जनता का हाल बेहाल कर दिया है, घरेलू जरूरतों की वस्तुओं में लगातार वृद्धि हो रही है। लोकल सर्कल्स ने कमाई, बचत, ईंधन के बढ़ते दामों और घरेलू वस्तुओं की आसमान छूती कीमतों को लेकर एक सर्वे किया। सर्वे में देश के 79 फीसदी लोगों ने माना है कि कोरोना और बढ़ती महंगाई की वजह वित्त वर्ष 2021-22 में घरेलू आय में कमी होगी।
49 फीसदी उपभोक्ताओं का मानना है कि उनकी औसत घरेलू बचत 2019-20 की तुलना में 2021-22 में घट जाएगी। 79 फीसदी परिवारों का कहना है कि दिसंबर-फरवरी 2021 की तुलना में अब हर महीने रोजमर्रा की चीजों की लागत पर उन्हें ज्यादा खर्च करना पड़ रहा है।
देश में महंगाई अगले कुछ महीनों तक सताने वाली है। विशेषज्ञों की राय में महंगाई इस साल के मध्य तक घटनी शुरू होगी और सब ठीक रहा तो साल के आखिर तक ही जाकर घट पाएगी क्योंकि दूसरी लहर से मांग और आपूर्ति बड़े स्तर पर प्रभावित हुई है। कई विशेषज्ञों ने आशंका भी जाहिर की है कि अगर लॉकडाउन और कर्फ्यू को ठीक तरह से मैनेज नहीं किया गया तो खाने-पीने की चीजों की भी महंगाई भी बढ़ सकती है।
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कोराना संकट के बीच महंगाई रसोई का बजट बिगाड़ रहा है। हिन्दुस्तान ने दिल्ली, पटना, लखनऊ समेत ग्रामीण इलाकों की गृहणियों से बात की तो उन्होंने बताया कि खाद्य तेल, फल, सब्जियों व दालों सहित रसोई में इस्तेमाल होने वाली हर वस्तु के दाम बढ़ गए हैं। कीमतें आसमान छूने लगी हैं। कोई भी दाल सौ रुपये से कम प्रति किलो नहीं मिल रही है। वहीं, दूसरी ओर कोरोना से आय घटने से घर चलाना मुश्किल हो रहा है। गृहणियों का मनना है कि कीमत में बढ़ोतरी के पीछे जमाखोरी और कालाबाजारी करने वाले लोग हैं। सरकार को वैसे लोगों पर पर जल्द से जल्द कार्रवाई करनी चाहिए।