पूर्व सीएम हरीश रावत (Harish Rawa) का कहना है कि आरटीपीसीआर टेस्टिंग की सुविधाएं देहरादून में एक-दो लैबों तक ही सीमित हो गई है जिससे लोगों के बीच नाराजगी है।
उन्होंने कहा कि टेस्टिंग सेंटर में लंबी-लंबी कतारें लोगों को चिंतित कर रही हैं। ऐसे में सरकार को चाहिए कि जहां से फैसिलिटी उपलब्ध हो सकती है, चाहे वे प्राइवेट लैब हो या फिर सरकारी लैब हो, उसे तत्काल लोगों के लिए उपलब्ध करवाई जाएं। उन्होंने कहा कि यह ऐसी टेस्टिंग फैसिलिटी नहीं है जिस को नए सिरे से शुरू करने में बहुत ज्यादा समय लगता हो।
हरीश रावत (Harish Rawat) का कहना है कि देहरादून में यह स्थिति है तो हरिद्वार, नैनीताल और उधम सिंह नगर में क्या स्थिति होगी। पहाड़ों में तो टेस्टिंग फैसिलिटी नाममात्र की है। टेस्टिंग के अभाव में स्थिति और बिगड़ सकती है।उन्होंने आगे कहा कि किसी व्यक्ति को सामान्य मौसमी खांसी हो रही है तो वह और उसका परिवार भी अपने को कोरोना संक्रमित मानकर घबराहट में है।
हरीश रावत (Harish Rawat) ने सरकार से मांग करते हुए कहा कि राज्य सरकार को तत्काल इस ओर ध्यान देकर टेस्टिंग फैसिलिटी को बढ़ाया जाना चाहिए जो लोग टेस्टिंग फैसिलिटी क्रिएट कर सकते हैं उनको आमंत्रित किया जाना चाहिए और उन्हें मान्यता प्रदान करनी चाहिए।