नई दिल्ली। चीन के वुहान शहर में फैले कोरोनावायरस का प्रभाव अब धीरे-धीरे पूरी दुनिया में देखा जा सकता है। हर देश इस वायरस से निपटने के लिए अपने हवाई अड्डों से लेकर अस्पतालों में कई तरह के प्रबंधन और जांच के लिए व्यवस्थाएं कर रहे हैं, ताकि इससे बचा जा सके।
कोरोनावायरस को देखते हुए मोदी सरकार ने भी अपनी कमर कस ली है। केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने चीन में कोरोनावायरस के संक्रमण के मद्देनजर भारत आने वाले यात्रियों के स्वास्थ्य परीक्षण के लिए देश के 21 हवाईअड्डों पर ‘थर्मल जांच’ शुरु कर दी है। इस बीच मंत्रालय ने भारतीय नागरिकों को अनावश्यक रूप से चीन की यात्रा करने से बचने का परामर्श भी जारी किया है।
स्वास्थ्य मंत्रालय में विशेष सचिव संजीव कुमार ने आज ही सभी राज्यों के स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों के साथ वीडियो कॉन्फ्रेन्सिंग के जरिए एक बैठक की। इसमें उन्होंने कोरोनावायरस से बचाव और हालात को नियंत्रण में रखने के लिए किए गए उपायों की समीक्षा की।
मंत्रालय ने गुरुवार को 21 हवाईअड्डों की सूची जारी करते हुए बताया कि चीन से सीधी विमान सेवा वाले भारतीय हवाईअड्डों के अलावा उन हवाईअड्डों को भी थर्मल जांच के दायरे में लाया गया है जो चीन से कनेक्टिंग उड़ान सेवा से जुड़े हैं। इनमें दिल्ली, मुंबई, कोलकाता और चेन्नई के अलावा हैदराबाद, कोचीन, बंगलूरू, अहमदाबाद, अमृतसर, कोयंबटूर, गुवाहाटी, गया, बागडोगरा, जयपुर, लखनऊ, तिरुवनंतपुरम, तिरुचि, वाराणसी, विजाग, भुवनेश्वर और गोवा शामिल हैं।
मंत्रालय ने एक परामर्श भी जारी किया है। इसमें कोरोनावायरस के चीन में संक्रमण से उपजे खतरे को देखते हुए देशवासियों को परामर्श दिया गया है कि चीन की गैरजरूरी यात्रा करने से बचा जाए। मंत्रालय ने कहा कि चीन से आने वाले प्रत्येक यात्री के स्वास्थ्य पर निगरानी रखी जा रही है।
उल्लेखनीय है कि भारत में अब तक कोरोनावायरस के संक्रमण का कोई मामला सामने नहीं आया है। चीन से भारत आने वाले 33 हजार से अधिक यात्रियों की विभिन्न हवाईअड्डों पर जांच की जा चुकी है।
मणिपुर में यात्रियों की जांच के लिए हवाईअड्डे पर अधिकारी तैनात
कोरोनावायरस के बचने के लिए केंद्र सरकार के साथ-साथ राज्य सरकार भी सचेत हैं। मणिपुर स्वास्थ्य विभाग ने भारत-म्यांमार की सीमा से लगे मोरेह शहर और बेहियांग में चिकित्सा अधिकारियों को तैनात कर दिया है। साथ ही इंफाल हवाईअड्डे पर भी चिकित्सा अधिकारियों को तैनात किया गया है ताकि वहां आने वाले यात्रियों की कोरानावायरस के लक्षणों के लिए जांच की जा सकें।
अतिरिक्त निदेशक (जन स्वास्थ्य) एल आर्के ने कहा कि कोरोनावायरस पर केंद्र द्वारा दिशा निर्देश जारी करने के बाद एहतियातन कदम उठाए गए हैं। उन्होंने बताया कि चिकित्सा अधिकारियों को इंफाल हवाईअड्डे, मोरेह, जिरिबाम शहर, माओ और चूड़ाचंद्रपुर जिले में बेहियांग में तैनात किया गया है। मोरेह और जिरिबाम शहर की सीमा असम के सिलचर से लगती है। माओ नगालैंड की ओर से राज्य का प्रवेश द्वार है।
आर्के ने कहा कि इन पांच केंद्रों पर नियमित आधार पर रिपोर्ट और जानकारियां ली जाती हैं कि लोग कहां से आ रहे है और उन्हें कहां जाना है। उन्होंने बताया कि स्वास्थ्य विभाग सक्रियता से यह पता लगा रहा है, खासतौर से मोरेह और बेहियांग में, कि क्या कोई ऐसा व्यक्ति राज्य में प्रवेश कर रहा है जिसे बुखार, खांसी और जुकाम के लक्षण हैं।
बुखार से पीड़ित किसी भी व्यक्ति के इलाज के लिए एम्बुलेंस तैनात है। उन्हें इंफाल में रिजनल इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल साइंसेज (रिम्स) या जवाहरलाल नेहरू इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल साइंसेज के ‘आइसोलेशन वार्ड’ में ले जाया जाएगा। राज्य सरकार एहतियातन कदम उठा रही है क्योंकि कई मणिपुरी छात्र चीन में पढ़ाई कर रहे हैं और उनके राज्य में लौटते समय वायरस अपने साथ लाने की आशंका है।
राजस्थान में कोरोनोवायरस के संदिग्ध मरीज की रिपोर्ट निगेटिव
जयपुर के एसएमएस अस्पताल में भर्ती कोरोनावायरस के एक संदिग्ध मरीज की जांच रिपोर्ट नेगेटिव पाई गई है। स्वास्थ्य विभाग के एक प्रवक्ता ने बुधवार को बताया कि संदिग्ध मरीज की जांच के लिए नमूने विषाणु विज्ञान संस्थान एनआरवी पुणे भेजे गए थे।
प्रवक्ता ने कहा कि एनआरबी पुणे से प्राप्त रिपोर्ट के अनुसार, छात्र में कोरोनावायरस नहीं मिला है। उल्लेखनीय है कि राजस्थान में अब तक कुल मिलाकर 19 लोगों की कोरोनावायरस के लिए स्क्रीनिंग की जा रही है। इनमें चीन से यात्रा कर लौटे 18 लोग भी शामिल हैं।
महाराष्ट्र में कोरोनावायरस के संक्रमण के संदेह में नौ मरीज निगरानी में
मुंबई का 49 वर्षीय व्यक्ति ऐसा नौवां शख्स बन गया है जिन्हें कोरोनावायरस से संक्रमित होने की आशंका के चलते निगरानी में रखा गया है। एक स्वास्थ्य अधिकारी ने यहां बुधवार को यह जानकारी दी। उन्होंने बताया कि व्यक्ति 21 जनवरी को वुहान से लौटा था। चीन का वुहान शहर इस खतरनाक विषाणु का केंद्र माना जाता है।
महाराष्ट्र राज्य रोग निगरानी अधिकारी डॉ. प्रदीप आवटे ने बताया कि 24 जनवरी को बुखार और जुकाम से ग्रसित होने के कारण उन्हें सरकारी कस्तूरबा अस्पताल में भर्ती कराया गया। उन्होंने स्पष्ट किया कि व्यक्ति को निगरानी में रखा गया है, हालांकि जब वह मुंबई आया था तब उसमें एनसीओवी (नोवल कोरोनावायरस) के कोई लक्षण नहीं दिखे थे।
उन्होंने बताया कि राज्य में कोरोनावायरस के संक्रमण की आशंका के चलते कुल नौ मरीजों को निगरानी में रखा गया है जिनमें से छह मुंबई से हैं। शेष दो मरीजों में से दो को पुणे और नांदेड़ के अस्पताल में भर्ती किया गया है।
डॉ. आवटे ने बताया कि विषाणु की संभावित आशंका को देखते हुए मुंबई में छत्रपति शिवाजी महाराज अंतरराष्ट्रीय हवाईअड्डा पर अब तक 3,997 लोगों की जांच की गई है, लेकिन महाराष्ट्र से अब तक किसी में भी इसकी पुष्टि नहीं हुई। सरकार ने चीन जा चुके और एक जनवरी के बाद वहां से लौटे लोगों से अपील की है कि अगर उन्हें सर्दी-जुकाम और हल्का बुखार आता है तो वे सरकारी अस्पताल में रिपोर्ट करें।
मदुरै के अस्पताल में नया ‘आइसोलेशन वार्ड’ बनाया
तमिलनाडु के मदुरै जिले में कोरोनावायरस के मरीजों के उपचार के लिए राजाजी अस्पताल में नया ‘आइसोलेशन वार्ड’ बनाया गया है। राजाजी अस्पताल के अध्यक्ष डॉक्टर संगुमणी ने बताया कि अभी तक कोरोनावायरस का कोई भी मामला सामने नहीं आया है। हमें इस वार्ड को एहतियाती उपाय को देखते हुए बनाया है, ताकि मरीजों का इलाज किया जा सके।