नई दिल्ली। यह बात तो सभी को पता है कि कोरोना संक्रमण मुंह और नाक के जरिए फैलता है, लेकिन क्या आपको पता है कि कोविड-19 संक्रमण आंखों से भी फैल सकता है। बता दें कि कोरोना वायरस का संक्रणण आंखों के जरिए भी फैलता है।
यह वायरस आंखों के जरिर शरीर में दो तरह से फैलता है। पहला यह है कि अगर कोई व्यक्ति संक्रमित मरीज के संपर्क में आता है। वह अपने हाथों से आंखों को छूता है या मीजता है तो इससे वायरस आंखों के माध्यम से शरीर में प्रवेश कर सकता है। दूसरा आंसुओं के जरिए भी कोरोना वायरस एक संक्रमित व्यक्ति के शरीर से स्वस्थ व्यक्ति के शरीर में प्रवेश कर सकता है। इसीलिए डॉक्टर बार-बार हाथ धोने की सलाह देते हैं।
जानें नाक और मुंह से कैसे शरीर में पहुंचता है वायरस?
कोरोना वायरस सांस लेते समय नाक और मुंह के जरिए हमारे शरीर में प्रवेश कर जाता है। वायरस हवा में मौजूद ड्रॉपलेट्स के माध्यम से हमारे श्वसनतंत्र में पहुंचता है। शरीर के अंदर कोरोना अपनी कॉपीज को बड़ी तेजी बनाना शुरू कर देता है। इससे शरीर में कोरोना के कई सारे वायरस हो जाते हैं। शरीर में कोरोना वायरस की संख्या बढ़ने के साथ ही शरीर के सभी अंग धीरे काम करने लगते हैं। कुछ अंग तो काम करना बंद कर देते हैं। ऐसे में आदमी की मौत हो जाती है।
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क्या इसे रोका जा सकता है?
अमेरिकन अकेडमी ऑफ ऑप्थोलमॉलजी का कहना है कि आंखों के जरिए फैलने वाले कोरोना संक्रमण को रोक भी सकते हैं। इस संक्रमण को रोकने के लिए गॉगल और ग्लास लगा सकते हैं। अमेरिकी हेल्थ एक्सपर्ट्स का कहना है कि कोरोना पेशेंट्स की देखभाल के दौरान डॉक्टर, नर्सेस और परिजनों को भी अपनी सुरक्षा का ध्यान रखते हुए गॉगल्स का उपयोग करना चाहिए। इसके साथ ही सोशल डिस्टेंसिंग और हैंडवाश का ध्यान रखना जरूरी है। बिना हाथ धुले अपने चेहरे और आंखों को न छुएं।
कान से भी फैलता है क्या कोरोना वायरस?
आंखों से कोरोना संक्रमण फैलने की बात हेल्थ एक्सपर्ट्स मान रहे हैं तो लोगों के मन में सवाल आता होगा कि क्या कानों के जरिए भी कोरोना संक्रमण फैल सकता है? इस पर यूएस स्थिति सेंटर फॉर डिजीज कंट्रोल ऐंड प्रिवेंशन की मानें तो कानों के जरिए कोरोना का संक्रमण शरीर में फैलना अभी साबित नहीं हो पाया है। इसकी संभावना भी बहुत कम हैं।
डॉक्टर बेंजामिन ब्लेइयर ने कहा कि कानों के अंदर कैनल की बाहरी त्वचा हमारी ऊपरी त्वचा जैसी होती है। ऐसे में कानों के अंदर की त्वचा मुंह के टिश्यूज और नाक के साइनसज़ जैसी नहीं है, जिनके जरिए वायरस आसानी से हमारे शरीर में प्रवेश कर सके। यही वजह है कि कानों की त्वचा के जरिए कोरोना वायरस हमारे शरीर के अंदर प्रवेश नहीं कर सकता है।