ऩई दिल्ली। भारत में टीके (Corona Vaccine) के उत्पादन और उपलब्धता को बढ़ाने के लिए सरकार सभी कदम उठा रही है। टीके के उत्पादन को कई गुना बढ़ाने पर जोर दिया जा रहा है।
कोरोनावायरस के खात्मे के लिए दुनिया का सबसे बड़ा वैक्सीनेशन (Corona Vaccination) अभियान भारत में चलाया जा रहा है। कई राज्य वैक्सीन की कमी की शिकायत कर रहे हैं। इस बीच केंद्र सरकार ने वैक्सीन उत्पादन को कई गुना बढ़ाने की कोशिश में जुट गई है।
सरकारी सूत्रों के अनुसार, इस साल की तीसरी तिमाही के अंत तक, भारत को पांच और कंपनियों की वैक्सीन मिल जाएगी। भारत में मौजूदा समय में कोविशील्ड और कोवैक्सिन (Covishield and Covaxin) बनाई जा रही है।
समाचार एजेंसी के मुताबिक सूत्रों ने कहा, ‘भारत में इस समय कोरोना की दो वैक्सीन बनाई जा रही हैं और हम तीसरी तिमाही तक पांच और वैक्सीन आने की उम्मीद कर सकते हैं। इनमें स्पुतनिक वी वैक्सीन(Corona vaccine Sputnik), जॉनसन एंड जॉनसन वैक्सीन, नोवावैक्स वैक्सीन, जाइडस कैडिला वैक्सीन, और भारत बायोटेक की इंट्रानैसल वैक्सीन शामिल हैं। भारत सरकार की इन वैक्सीन के इमरजेंसी इस्तेमाल की मंजूरी देने के लिए सुरक्षा और प्रभावकारिता प्राथमिक चिंताएं हैं।’
स्पुतनिक के 850 मिलियन डोज बनेंगे
इस समय क्लीनिकल और प्रीक्लीनिकल स्टेज पर लगभग 20 कोविड-19 वैक्सीन हैं, जिसमें स्पुतनिक वी वैक्सीन सबसे पहले मिल सकती है। उम्मीद जताई जा रही है कि स्पुतनिक को अगले दस दिनों के भीतर इमरजेंसी इस्तेमील की मंजूरी मिल सकती है।
रसियन डायरेक्ट इंवेस्टमेंट फंड (RDIF) ने वैक्सीन के बनाने के लिए हैदराबाद स्थित डॉ. रेड्डीज लैबोरेटरीज, हेटेरो बायोफार्मा, ग्लैंड फार्मा, स्टेलिस बायोफार्मा और विक्रो बायोटेक जैसे भारतीय फार्मास्युटिकल कंपनियों के साथ करार किया है। बताया जा रहा है कि देश में स्पुतनिक वी वैक्सीन के 850 मिलियन खुराक बनाई जाएंगी।
‘जून तक मिल सकती है स्पुतनिक वैक्सीन’
सरकार के सूत्रों से यह पूछे जाने पर कि टीके कब इस्तेमाल के लिए उपलब्ध होंगे, उन्होंने कहा, “स्पुतनिक के जून तक उपलब्ध होने की उम्मीद है। वहीं, अगर सबकुछ ठीक रहा तो जॉनसन और जॉनसन की वैक्सीन अगस्त तक उपलब्ध हो जाएगी। इसके अलावा जाइडस कैडिला अगस्त तक, नोवावैक्स सितंबर तक और इंट्रानैसल वैक्सीन अक्टूबर तक उपलब्ध हो जाएगी।’
उन्होंने कहा कि सरकार रिसर्च, डेवेलपमेंट और क्लीनिकल ट्रायल स्टेज पर किसी भी तरह की कटौती किए बिना लगातार तेजी लाने के लिए सभी प्रयास कर रही है। भारत में टीके के उत्पादन और उपलब्धता को बढ़ाने के लिए सरकार सभी कदम उठा रही है। टीके के उत्पादन को कई गुना बढ़ाने में घरेलू कंपनियों की मदद से सभी कदम उठाने के लिए उच्चतम स्तर पर निर्णय लिया गया है।