नई दिल्ली। कोरोना लॉकडाउन की वजह से पूरा देश बंद है। इसका एक सकारात्मक असर प्रकृति को संतुलित करने का भरपूर मौका मिला है। देश के 102 प्रदूषित शहरों में से इस समय 85 की हवा बिल्कुल शुद्ध हो चुकी है। दिल्ली के सबसे प्रदूषित क्षेत्रों में शुमार आनंद विहार में भी हवा साफ है।
जो काम अरबों रुपये लगाकर सरकार नहीं कर सकती थी, वह कोरोना वायरस लॉकडाउन ने कर दिया
इससे पर्यावरणिवद् काफी खुश हैं। उनका कहना है कि जो काम हम अरबों रुपये लगाकर नहीं कर सकते थे। वह कोरोना वायरस लॉकडाउन की वजह से हो रहा है। वायु प्रदूषण की निगरानी करने वाली पृथ्वी विज्ञान मंत्रालय की संस्था ‘सफर’ का प्रदूषण मैप हरा हो चुका है। यानी पूरे देश में लोगों को साफ-सुथरी हवा मिल रही है। दिल्ली, पुणे, मुंबई और महमदाबाद में हवा साफ है। आमतौर पर सफर की साइट पर इन शहरों का मैप कभी एक साथ हरा नहीं दिखता है।
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आनंद विहार का एयर क्वालिटी इंडेक्स सिर्फ 63 हो गया है, जबकि लॉकडाउन से पहले 248 था
दिल्ली का पीएम-10 अपने सामान्य लेवल 100 माइक्रो ग्राम क्यूबिक मीटर से नीचे सिर्फ 58 पर आ गया है। जबकि पीएम 2.5 भी अपने सामान्य स्तर 60 एमजीसीएम से आधा 31 रह गया है। यह अपने आपमें रिकॉर्ड है, जबकि केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड की रिपोर्ट बता रही है कि प्रतिबंध से पहले यानी 21 मार्च तक दिल्ली के लोगों को शुद्ध हवा नहीं मिल रही थी। आनंद विहार का एयर क्वालिटी इंडेक्स सिर्फ 63 हो गया है, जबकि लॉकडाउन से पहले 248 था। यानी यहां की हवा बेहद खराब थी।
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पर्यावरणविद् एन. शिवकुमार का कहना है कि एक सप्ताह से कम के बंद में ज्यादातर शहरों की हवा शुद्ध हो चुकी है। अगर हम हर महीने 24 घंटे सबकुछ बंद रखें तो कम से कम सभी को साफ हवा मिलेगी। लोगों की लाइफ बढ़ेगी। दवाईयों का खर्च बचेगा।
सबसे प्रदूषित शहरों में भी अब मिल रही शुद्ध हवा
आईक्यू एयर विजुअल द्वारा कराए गए विश्व वायु गुणवत्ता 2019 सर्वे के मुताबिक दुनिया के 30 सर्वाधिक प्रदूषित शहरों में भारत के 21 शहर शामिल हैं। इनमें एनसीआर के लगभग सभी बड़े शहर आते हैं। इस सूची में शामिल गाजियाबाद, गुरुग्राम, फरीदाबाद, पलवल, लखनऊ, बुलंदशहर, जींद, भिवाड़ी और हिसार में 20 मार्च को हवा की गुणवत्ता बेहद खराब थी, लेकिन 26 मार्च को यहां प्रदूषण नहीं था। इन शहरों की आबोहवा में लॉकडाउन की वजह से गुणात्मक सुधार हुआ है।
इन शहरों में फिर भी कायम है प्रदूषण
केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड की ओर से जारी आंकड़ों के मुताबिक 26 मार्च को ओडिशा के तालचेर, ब्रजराजनगर, महाराष्ट्र के चंद्रपुर, कल्याण, हरियाणा के सोनीपत और करनाल, यूपी के मेरठ, वाराणसी और ग्रेटर नोएडा, मध्य प्रदेश के देवास, सिंगरौली, बिहार के पटना, मुजफ्फरपुर, राजस्थान के जोधपुर, गुजरात के नंदेसरी, वापी और असम की राजधानी गुवाहाटी में हवा की गुणवत्ता बेहद खराब रही।