नई दिल्ली। कोरोना वायरस से दुनियाभर में अब तक 82 हजार से ज्यादा लोगों को जान ले चुका है। वहीं, 14 लाख से ज्यादा लोग इस वायरस से संक्रमित हैं। इस वायरस को खत्म करने के लिए अभी तक किसी कारगर दवाई की खोज नहीं हुई है, लेकिन दुनियाभर के बड़े-बड़े वैज्ञानिक अब दवाईयों की खोज में जुट गए हैं। बड़ी बात यह है कि कोरोना पर मार करने वाली वैक्सीन के लिए सबकी नजरें भारत पर टिकीं हैं। ऐसा क्यों है?
वायरस का काल साबित हो सकती है कोरोफ्लू वैक्सीन
दरअसल कोरोफ्लू नाम की एक वैक्सीन इन दिनों खूब चर्चा में है। कोरोफ्लू वैक्सीन हजारों लोगों की जान लेने वाले कोरोना वायरस का काल साबित हो सकती है। ये दावा है वैक्सीन बनाने वाली कंपनी भारत बायोटेक के चेयरमैन डॉक्टर एला कृष्णा का है।
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भारत बायोटेक के चेयरमैन डॉक्टर एला कृष्णा ने कहा है कि हमने कोरोफ्लू नाम की वैक्सीन बनाई है, उम्मीद है कि वैक्सीन कोरोना वायरस जैसी महामारी को खत्म कर देगी। बता दें कि हैदराबाद की कंपनी भारत बायोटेक कोरोना वायरस की इस संभावित वैक्सीन पर अमेरिकी कंपनी फ्लूजेन के संस्थापकों योशिरो कावाओका और गैब्रियेल न्यूमैन के साथ मिलकर काम कर रही है।
जानें कोरोफ्लू के बारे में
कोरोफ्लू अमेरिका की फ्लूजेन कंपनी की फ्लू वैक्सीन M2SR के आधार पर विकसित हो रही है। कोरोफ्लू वैक्सीन मरीज के शरीर में नाक के जरिए पहुंचाई जाएगी। वैक्सीन का साल के आखिर तक मानव परीक्षण संभव है। वहीं, दुनिया के सबसे ताकतवर देश अमेरिका में अक्टूबर तक इसका मनुष्यों पर परीक्षण हो सकता है।
कई सफल वैक्सीन बना चुकी है भारत बायोटेक
भारत बायोटेक कंपनी चिकनगुनिया और जीका वायरस जैसी खतरनाक महामारियों के लिए सफल वैक्सीन बना चुकी है। अगर कोरोना की वैक्सीन भी सफल रही तो यह इस कंपनी की बड़ी उपलब्धि होगी, लेकिन इसमें अभी काफी वक्त लग सकता है।