बांदा जिले की एक पॉक्सो अदालत ने तीन नाबालिग लड़कियों से बलात्कार के अलग-अलग मामलों में दोषी पाए गए तीन व्यक्तियों को 10-10 साल कैद की सजा सुनाई है और दोषियों पर जुर्माना भी लगाया है।
पहली घटना तिंदवारी थाना क्षेत्र के एक गांव में नौ मई 2016 को हुई थी। घटना के वक्त 13 वर्षीय किशोरी अपने दरवाजे पर बैठी थी, तभी पड़ोसी मुन्ना यादव उसे जबरन अपने घर ले गया और उसे बंधक बनाकर चार दिन तक उससे बलात्कार किया। चंगुल से छूटने के बाद किशोरी अपने घर पहुंची, तब उसकी मां ने मामला दर्ज करवाया था।
सहायक शासकीय अधिवक्ता कमल सिंह गौतम ने मंगलवार को बताया कि अपर जिला एवं सत्र न्यायालय (पॉक्सो-4) के विशेष न्यायाधीश पवन कुमार शर्मा ने सोमवार को दोनों पक्षों के वकीलों की दलीलें सुनने के बाद आरोपी मुन्ना यादव को किशोरी को बंधक बनाकर बलात्कार करने का दोषी पाया और उसे 10 साल कैद की सजा सुनाई तथा उस पर 50 हजार रुपये का जुर्माना भी लगाया।
गौतम ने इसी अदालत के अन्य फैसले के बारे में बताया कि दूसरी घटना कमासिन थाना क्षेत्र के एक गांव में 11 सितंबर 2017 को हुई थी, जहां खेत में काम करने गई 11 वर्षीय किशोरी से पड़ोसी कल्लू केवट ने दुष्कर्म किया था। किशोरी की मां ने दुष्कर्म की रिपोर्ट दर्ज कराई थी। उन्होंने बताया कि अदालत ने किशोरी से बलात्कार करने के दोषी कल्लू केवट को 10 साल कैद की सजा सुनाई और उस पर 50 हजार रुपये जुर्माना लगाया।
अदालत ने बबेरू कोतवाली क्षेत्र में हुए बलात्कार के मामले में भी फैसला सुनाया। घटना चार दिसंबर 2018 की है। घटना वाले दिन चित्रकूट का रहने वाला महरूप 11 वर्षीय पीड़िता को बहला-फुसलाकर अपने साथ कर्वी ले गया था और दूसरे दिन खेत में ले जाकर उससे बलात्कार किया। पीड़िता जिस किराये के मकान में अपनी मां के साथ रहती थी महरूप उसी मकान में रह रही अपनी बेटी से मिलने के लिए आया था। पॉक्सो अदालत के सहायक शासकीय अधिवक्ता (एडीजीसी) शिवपूजन सिंह पटेल ने बताया कि दोनों पक्षों की दलीलें सुनने के बाद विशेष न्यायाधीश पवन कुमार शर्मा ने पॉक्सो अधिनियम के तहत बच्ची से बलात्कार करने का दोषी पाए जाने पर महरूप को सोमवार को 10 साल कैद की सजा सुनाई और 50 हजार रुपए का जुर्माना लगाया।