लखनऊ। उत्तर प्रदेश को सर्वोत्तम प्रदेश बनाने के लिए अग्रसर योगी सरकार (Yogi Government) ने सभी क्षेत्रों में विकास किया है। यूपी को विकास की योजनाओं से जोड़ने के साथ ही राजस्व संग्रह में भी काफी वृद्धि की। इसमें मंडी समितियों का भी सराहनीय योगदान रहा। राज्य कृषि उत्पादन मंडी परिषद की ओर से किसानों के हित का ध्यान रखते हुए मंडी शुल्क को न्यूनतम किया गया। बावजूद इसके राजस्व संग्रह में मंडियों का अच्छा योगदान रहा।
वित्तीय वर्ष 2021-22 में मंडी समितियों को 614 करोड़ रुपये की आय हुई तो वहीं 2022-23 में यह आंकड़ा बढ़कर 1520.95 करोड़ रुपये हो गया। योगी सरकार के वित्तीय अनुशासन से वर्तमान वित्तीय वर्ष के शुरुआती दो माह में अब तक 251.61 करोड़ का राजस्व संग्रहित हो चुका है।
वर्ष दर वर्ष बढ़ रही मंडी समितियों की प्रगति
योगी सरकार (Yogi Government) बनने के पश्चात से ही मंडी समितियों ने लक्ष्य के अनुरूप काफी हद तक सफलता हासिल की। वित्तीय वर्ष 2021-22 में मंडी समितियों को मंडी शुल्क से 304.92 करोड़, विकास सेस से 137.07, यूजर चार्ज से 42.79 करोड़ और अन्य आय से 129.25 करोड़ यानी कुल 614.02 करोड़ की आय हुई थी।
वहीं 2022-23 में मंडी समितियों को मंडी शुल्क से 874.10 करोड़, विकास सेस से 410.47, यूजर चार्ज से 48.79 करोड़, अन्य आय से 187.59 करोड़ की आय हुई। इस वित्तीय वर्ष में कुल 1520.95 करोड़ की आय मंडी समितियों को हुई। मंडी शुल्क में 286.7, विकास सेस से 299.5, यूजर चार्ज से 114, अन्य आय से 145.1 और कुल आय से 247.7 फीसदी की प्रगति हुई।
2023-24 के दो महीने में भी किया कमाल
योगी सरकार (Yogi Government) अनुशासन प्रिय है। अपने कार्यों से लेकर राज्य के हर क्षेत्र में अनुशासन ही उनकी प्राथमिकता है। यह अनुशासन वित्तीय क्षेत्र में भी दिखती है। वित्तीय वर्ष 2022-23 के शुरुआती दो महीने में मंडी शुल्क से समितियों को 130.32, विकास सेस से 65.14, यूजर चार्ज 6.98, अन्य आय से 20.38 करोड़ समेत कुल आय 222.82 करोड़ की हुई।
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वित्तीय वर्ष 2023-24 के महज दो महीने (अप्रैल-मई) में भी विभिन्न मदों के जरिए इसमें काफी प्रगति हुई। अप्रैल व मई 2023-2024 में मंडी शुल्क 145.55 करोड़, विकास सेस 65.88 करोड़, यूजर चार्ज 7.50 करोड़, अन्य आय 32.68 करोड़ के साथ कुल दो महीने में समितियों को 251.61 करोड़ की आय हुई।