नई दिल्ली। कांग्रेस ने शुक्रवार को कोविड-19 की दूसरी लहर को संभालने में नाकाम रहने पर सरकार पर फिर से टीकाकरण की कमी और अदूरदर्शिता को लेकर निशाना साधा।
कांग्रेस नेता अभिषेक सिंघवी (Abhishek Manu Singhvi) ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह की प्राथमिकताएं ये दर्शाती हैं कि वो पूरी तरह से अक्षम, अयोग्य और कोविड -19 संकट के प्रति उदासीन हो गए हैं।
साथ ही उन्होंने संस्थानों से ये महसूस करने का आग्रह किया कि उनका पहला काम देश के नागरिकों की जीवन की रक्षा करना है, न कि सरकार की प्रतिष्ठा बचानी है। साथ ही सरकार पर कोरोना संक्रमण और मौतों के मामलों की अंडर रिपोर्टिंग का आरोप लगाया और कोरोना वायरस के खिलाफ लड़ाई में महत्वपूर्ण संसाधनों के निर्यात करने पर हमला किया।
सिंघवी ने कहा कि भारत ने टीकों की 60 मिलियन, 1.1 मिलियन रेमेडिसविर इंजेक्शन, 9300 मीट्रिक टन ऑक्सीजन और 20 मिलियन टेस्टिंग किट का निर्यात किया है। उन्होंने महामारी से लड़ने के लिए आवश्यक महत्वपूर्ण संसाधनों की कमी के लिए सरकार को दोषी ठहराया। इसके अलावा सिंघवी ने कहा कि कोरोना महामारी के संदर्भ में कुछ हाई कोर्ट के फैसलों से जुड़े मामले में सुप्रीम कोर्ट का दखल देना गलत है।
वहीं भारतीय जनता पार्टी के नेता गौरव भाटिया ने कहा कि सत्ता में रहने पर कांग्रेस ने संस्थानों को तबाह कर दिया और विपक्ष में उन्हें बदनाम किया. साथ ही कहा कि सभी संस्थान बहुमूल्य मानव जीवन को बचाने की पूरी कोशिश कर रहे हैं। राष्ट्र ने कांग्रेस और उसके नेतृत्व को छोड़ दिया है। महाराष्ट्र जैसे कांग्रेस शासित राज्यों के नागरिक भी समर्थन और राहत के लिए नरेंद्र मोदी की ओर देख रहे हैं। हम सभी नागरिकों की मदद करने के लिए अथक प्रयास करेंगे