भोपाल। कर्नाटक में मचे उथल पुथल के बाद कांग्रेस पार्टी मध्य प्रदेश में सतर्क हो गई है। कर्नाटक में एच डी कुमारस्वामी नीत कांग्रेस-जेडीएस गठबंधन सरकार से दो विधायकों ने मंगलवार यानी कल अपना समर्थन वापस ले लिया। वहीँ एचडी कुमारस्वामी की सरकार को गिराने के लिए भाजपा ने अपने प्रयास तेज कर दिए हैं। जिसके बाद से कांग्रेस को अब लग रहा है कि मध्यप्रदेश में भी भगवा पार्टी अपना प्रभाव दिखा सकती है।
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आपको बतादें कांग्रेस-जेडीएस गठबंधन सरकार को दिया अपना समर्थन तत्काल प्रभाव से वापस ले रहे हैं। मुंबई के एक होटल में ठहरे हुए इन विधायकों ने राज्यपाल से आवश्यक कदम उठाने का अनुरोध किया है। कांग्रेस और भाजपा, दोनों ही पार्टियां एक दूसरे पर विधायकों को प्रलोभन देने का आरोप लगा रही हैं।
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जानकारी के मुताबिक मध्य प्रदेश में किसी भी पार्टी को विधानसभा चुनाव में स्पष्ट बहुमत नहीं मिला था। कांग्रेस बहुमत के आंकड़े को छूने से दो सीट दूर रह गई थी। मध्यप्रदेश विधानसभा पर नजर डाले तो 230 सीटें हैं, जिनमें से कांग्रेस ने 114 जीती थीं। भाजपा को 109 सीटें मिलीं, बसपा को 25, समाजवादी को एक और निर्दलीय को 4 को चार सीटें मिली थी ।वहीँ भाजपा महामंत्री कैलाश विजयवर्गीय के बाद अब नेता प्रतिपक्ष गोपाल भार्गव भी कह रहे हैं कि जब तक मंत्रियों के बंगले पुतेंगे कांग्रेस सरकार गिर जाएगी। कैलाश विजयवर्गीय ने कहा था बस हाईकमान को छींक आ जाएं।