नई दिल्ली। पुलिस यदि कानून को लागू करने में फेल होती है तो उसकी इस नाकामी से लोकतंत्र विफल होता है। यह बात राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार (एनएसए) अजित डोभाल ने देशभर के युवा पुलिसकर्मियों को गुरुवार को संबोधित करते हुए कही।
आम लोगों में यह धारणा है कि पुलिस सिर्फ विशेषाधिकार प्राप्त लोगों की ही सेवा करती है, यह दूर होना चाहिए
अजित डोभाल ने कहा कि आम आदमी को ‘विश्वसनीय और निष्पक्ष’ पुलिस नजर आनी चाहिए। डोभाल ने पुलिस अधिकारियों से सुनिश्चित करने के लिए भी कहा कि आम लोगों में यह धारणा है कि पुलिस सिर्फ विशेषाधिकार प्राप्त लोगों की ही सेवा करती है, इसे दूर होना चाहिए। यह धारणा संगठन की छवि खराब करती है।
कानून बनाना किसी लोकतंत्र में सबसे पवित्र काम और आप कानून लागू करने वाले लोग
डोभाल ने केंद्रीय गृह मंत्रालय के तहत आने वाले पुलिस के एक थिंक टैंक पुलिस अनुसंधान एवं विकास ब्यूरो (बीपीआरडी) की ओर से आयोजित कार्यक्रम में कही। उन्होंने कहा कि कानून बनाना किसी लोकतंत्र में सबसे पवित्र काम है। यह किसी साम्राज्यवादी शासक या किसी धार्मिक नेता के मंच से नहीं होता, बल्कि जनता के प्रतिनिधि इसे करते हैं और आप कानून लागू करने वाले लोग हैं। उन्होंने कहा कि यदि आप नाकाम होते हैं तो इससे लोकतंत्र विफल होता है।
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कोई कानून उतना ही अच्छा होता है, जितना कि उसका जमीनी क्रियान्वयन होता है
एनएसए डोभाल ने कहा कि यदि पुलिसकर्मी कानून लागू करने में सक्षम नहीं होते हैं। तब उस कानून का बनना ही व्यर्थ है। कोई कानून उतना ही अच्छा होता है, जितना कि उसका जमीनी क्रियान्वयन होता है। बता दें कि हाल ही में दिल्ली में हुई हिंसा को लेकर डोभाल की यह टिप्पणी खासे मायने रखती है। दिल्ली हिंसा को नियंत्रित करने में पुलिस की भूमिका पर सवाल उठाए जा रहे हैं।
डोभाल ने यह भी कहा कि लोकतंत्र में कानून के प्रति समर्पण बहुत महत्वपूर्ण
डोभाल ने यह भी कहा कि लोकतंत्र में कानून के प्रति समर्पण बहुत महत्वपूर्ण है। आपको निष्पक्षता से और वस्तुनिष्ठता से काम करना चाहिए। जरूरी है कि आप विश्वसनीय दिखें। उन्होंने कहा कि पुलिस के बारे में धारणा अहम है, क्योंकि लोग किसी या कुछेक गलत पुलिसकर्मियों के छिटपुट उदाहरणों को देखकर अन्य सभी पुलिसकर्मियों के बारे में धारणा बना लेते हैं कि यही भारतीय पुलिस है।