उत्तर प्रदेश की योगी सरकार लंबे समय से राज्य में आपराधिक गतिविधियों के कम होने का दावा करती आ रही है। इस बीच पुलिस की ओर से अपराध की रोकथाम के लिए जो आंकड़े जारी किए गए हैं, वे काफी चौंकाने वाले हैं। जब से भाजपा यूपी में सत्ता में आई है, तब से लेकर अब तक यूपी पुलिस ने 8472 एनकाउंटर में 3302 अपराधियों को गोली मारकर घायल किया है।
इन गोलीबारी की घटनाओं में अब तक 146 की मौत हुई है, उधर बड़ी संख्या में लोगों के पैर पर गोली लगी हैं।वहीं ऐसी मुठभेड़ों में अब तक 13 पुलिसकर्मियों की मौत हुई है, जबकि 1157 से ज्यादा घायल भी हुए हैं। योगी सरकार में यूपी पुलिस के एनकाउंटर पर उठते सवालों के बीच, लगता है रणनीतिक तौर पर बदलाव किया गया है।
ऑपरेशन लंगड़ा के नाम से ही साफ है कि अपराधियों को एनकाउंटर में गोली मार कर ढेर कर दिये जाने की जगह सिर्फ पैरों में गोली मार कर जख्मी करने का काम चल रहा है। वैसे भी बदमाशों से एनकाउंटर की स्थिति में आत्मरक्षा के मकसद कमर से नीचे ही गोली मारने की हिदायत होती है, ताकि उसे गिरफ्तार कर कोर्ट में पेश कर मुकदमा चलाया जा सके।
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ऑपरेशन लंगड़ा कोई एंटी रोमियो स्क्वाड की तरह औपचारिक तौर पर घोषित यूपी पुलिस का अभियान नहीं है, लेकिन मीडिया रिपोर्ट में बताया गया है कि पुलिसवाले इसे इसी नाम से जानते और समझते हैं – और जाहिर है अपराधियों में भी खौफ का माहौल तो होगा ही। इंडियन एक्सप्रेस से बातचीत में यूपी पुलिस के एडीजी (लॉ एंड ऑर्डर) प्रशांत कुमार कहते हैं, एनकाउंटर में घायलों की बड़ी संख्या बताती है कि अपराधियों को मार गिराना पुलिस का पहला मकसद नहीं है… उद्देश्य गिरफ्तार करना है।