कोरोना संकट के बीच मध्य प्रदेश के सीएम शिवराज सिंंह चौहान ने इंदौर के एक कार्यक्रम में कहा- दूसरी लहर के दौरान हुई ऑक्सीजन की किल्लत के बीच वह सो नहीं सके थे। शिवराज ने कहा- उस वक्त जब फोन आता कि फला अस्पताल में आधे घंटे की ऑक्सीजन बची है तो मैं दौड़ भागकर ऑक्सीजन का इंतजाम करवाता था। सीएम के इस दावे के बीच लोगों ने कहा- उस वक्त तो आप और केंद्र सरकार कह रहे थे कि ऑक्सीजन की दिक्कत ही नहीं है फिर अब कैसे ये बात बोल रहे हैं।
वहीं एक अन्य यूजर ने लिखा, शिवराज जी झूठ मत बोला करिए, उस वक्त आप बंगाल में रैलियां और रोड शो कर रहे थे, अगर वहां नहीं जाते तो दिक्कत ही नहीं होती। एक अन्य व्यक्ति ने लिखा- आपने पूरे प्रदेश का सत्यानाश कर दिया, मोदी के नाम पर वोट लिया और अब आप खुली आंखो के साथ सो रहे हैं।
उन्होंने बताया कि कोविड-19 की तीसरी लहर की रोकथाम के लिए राज्य सरकार ने हर रोज करीब 80,000 लोगों की जांच का फैसला किया है। मुख्यमंत्री ने अफसरों को निर्देश दिए कि कोरोना वायरस संक्रमण को फैलने से रोकने के लिए पड़ोसी महाराष्ट्र से आने-जाने वाले लोगों पर खास निगरानी रखी जाए जहां महामारी के नये मामले अपेक्षाकृत बड़ी तादाद में सामने आ रहे हैं।
उन्होंने यह भी कहा कि उनका सपना है कि कोविड-19 के मौजूदा दौर में इंदौर को शिक्षा के नवाचारी केंद्र और अलग-अलग रोजगार देने वाले आदर्श शहर के रूप विकसित किया जाए। मुख्यमंत्री ने कहा कि इंदौर के सुपर कॉरिडोर पर प्रदेश सरकार से रियायती दरों पर बड़ी जमीनें हासिल कर अपनी इकाइयां शुरू करने वाली आईटी कम्पनियां- टीसीएस और इन्फोसिस बेहद कम रोजगार दे रही हैं।