लखनऊ। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ (CM Yogi) ने शनिवार को एक उच्चस्तरीय बैठक में प्रदेश में मॉनसून और फसल बोआई की स्थिति की समीक्षा की। मुख्यमंत्री ने किसानों के हितों को देखते हुए अनेक महत्वपूर्ण निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि किसी भी स्तर पर किसानों को कोई नुकसान नहीं होने दिया जाएगा। बकाए के कारण किसान का बिजली कनेक्शन काटे नहीं जाएंगे। मुख्यमंत्री ने निर्देश दिए कि वर्षा की स्थिति, फसल बोआई की सही स्थिति की विस्तृत रिपोर्ट अगले तीन दिन के भीतर भारत सरकार को भेजी जाए।
इस वर्ष 20 अगस्त तक प्रदेश में कुल 284 मिलीमीटर वर्षा दर्ज की गई है। यह वर्ष 2021 में हुई 504.10 मिमी और वर्ष 2020 में हुई 520.3 मिमी वर्षा के सापेक्ष कम है। इस बीच एकमात्र चित्रकूट जिला ऐसा रहा जहां सामान्य (120 प्रतिशत से अधिक) वर्षा हुई। सामान्य वर्षा न होने के कारण खरीफ फसलों की बोआई का कार्य प्रभावित हुआ है। हालांकि 19 जुलाई के बाद हुई बरसात से स्थिति में काफी सुधार हुआ है।
मुख्यमंत्री योगी (CM Yogi) ने कहा कि अल्प वर्षा के कारण उत्पन्न चुनौतियों के बीच एक-एक अन्नदाता किसान का हित सुरक्षित रखा जाएगा। खेती-किसानी की जमीनी स्थिति का सूक्ष्मता से आंकलन करते हुए किसानों को हर संभव मदद मुहैया उपलब्ध कराई जाएगी। कम वर्षा के कारण किसानों की फसल को हुए नुकसान की भरपाई की जाएगी। उन्होंने सभी विकल्पों को समाहित करते हुए बेहतर राहत कार्ययोजना तैयार करने के निर्देश दिए।
उन्होंने कहा कि अन्नदाता किसानों के व्यापक हित को देखते हुए वर्तमान परिस्थितियों में किसानों को अतिरिक्त सहायता दिया जाना आवश्यक है। बकाये के कारण किसानों के ट्यूबवेल बिजली कनेक्शन नहीं काटे जाएं। पॉवर कॉर्पोरेशन द्वारा ग्रामीण क्षेत्रों में बिजली आपूर्ति बढ़ाई जाए। इस आदेश का तत्काल अनुपालन कराया जाना सुनिश्चित करें।
प्रदेश में 33 जिले ऐसे हैं जहां सामान्य से 40 से 60 फीसदी तक ही वर्षा दर्ज की गई है। 19 जिलों में 40 फीसदी से भी कम बरसात हुई है। इन जिलों में खरीफ फसलों की बुवाई प्रभावित हुई है। हमें सभी परिस्थितियों के लिए तैयार रहना होगा।
मुख्यमंत्री (CM Yogi) ने कहा कि ट्यूबवेल की तकनीकी खराबी को हर हाल में 24 से 36 घंटे के भीतर ठीक करा दिया जाए। इसे शीर्ष प्राथमिकता दिया जाना अपेक्षित है। जहां ट्यूबवेल पर निर्भरता ज्यादा है, वहां सौर पैनल लगाया जाना चाहिए।
सीएम को कमिश्नर, डीएम, नगरायुक्त, तहसील और थाना स्तर की दी जा रही रिपोर्ट
प्रदेश में वर्षा की स्थिति, फसल बोआई की सही स्थिति की विस्तृत रिपोर्ट अगले तीन दिन के भीतर भारत सरकार को भेजी जाए।
खरीफ अभियान 2022-23 के तहत 20 अगस्त की स्थिति के अनुसार प्रदेश में 96.03 लाख हेक्टेयर के लक्ष्य के सापेक्ष 93.22 लाख हेक्टेयर की बोआई हो सकी है, जो कि लक्ष्य का 97.7 प्रतिशत ही है। गत वर्ष इसी तिथि तक 98.9 लाख हेक्टेयर भूमि पर बोआई हो चुकी थी। बोआई लक्ष्य के अनुरूप है लेकिन कम वर्षा के कारण प्रदेश में फसलों को नुकसान होने की आशंका बनी हुई है। इस बीच 19-20 अगस्त की बारिश के कारण कई जिलों में राहत मिली है।
कम बारिश के कारण कई क्षेत्रों में धान की पैदावार पर बुरा असर पड़ने की आशंका है। वर्तमान परिस्थितियों के बीच सब्जी की खेती को प्रोत्साहित करना बेहतर विकल्प हो सकता है। तोर के बीज का वितरण कराया जाना उचित होगा। इस काम में कृषि विज्ञान केंद्रों की भूमिका अहम होगी। किसानों को वैकल्पिक खेती के बारे में जागरूक किया जाए।
पम्प कैनालों का संचालन सुचारू रूप से जारी रहे। संवेदनशील तटबंधों की निगरानी के लिए सतत पेट्रोलिंग की जाए। जिला प्रशासन, सिंचाई विभाग को हर जरूरी सहायता उपलब्ध कराए। बेहतर तालमेल होना चाहिए।
अभी कम बारिश हुई है, संभव है कि आने वाले कुछ दिनों में तेज और अधिक वर्षा हो। ऐसे में हमें हर परिस्थिति के लिए तैयार रहना होगा।
सीएम योगी आम लोगों की शिकायतों की खुद कर रहे मॉनिटरिंग
अगस्त के अंतिम सप्ताह तक सभी जिलों एवं कृषि विभाग से फसल की स्थिति, पेयजल की स्थिति एवं पशुओं के लिए चारा की उपलब्धता के संबंध में रिपोर्ट ली जाए।
मुख्यमंत्री (CM Yogi) ने कहा कि मौसम का सही अनुमान अलर्ट जनजीवन के व्यापक हित को सुरक्षित करता है। अधिक सटीक अनुमान और तदनुरूप मौसम अलर्ट के लिए कमिश्नरी स्तर पर यंत्र स्थापित किए जाएं। इसमें राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण की सहायता भी ली जाए।
किसानों को मौसम की सही जानकारी देने के लिए राज्य स्तर पर पोर्टल विकसित किया जाए। इसी प्रकार, फसल बुवाई की विस्तृत जानकारी के लिए डेटा बैंक तैयार किया जाए। किसान की उन्नति के लिए नीति-निर्धारण में यह डेटा बैंक उपयोगी सिद्ध होगा।
बाढ़, अतिवृष्टि की स्थिति पर सतत नजर रखी जाए। नदियों के जलस्तर की सतत मॉनीटरिंग की जाए। प्रभावित जिलों में एनडीआरएफ, एसडीआरएफ, पीएसी और आपदा प्रबंधन टीमों को 24×7 एक्टिव मोड में रखा जाए। आपदा प्रबंधन मित्र, सिविल डिफेंस के स्वयंसेवकों की आवश्यकतानुसार सहायता ली जानी चाहिए। इन्हें विधिवत प्रशिक्षण भी दिया जाए।
इसके साथ मुख्यमंत्री ने कहा कि नौकाएं, राहत सामग्री आदि के प्रबंध समय से कर लें। बाढ़, अतिवृष्टि से पर प्रभावित क्षेत्रों में राहत कार्यों में देर न हो। प्रभावित परिवारों को हर जरूरी मदद तत्काल उपलब्ध कराई जाए।