लखनऊ। उप्र के परिषदीय विद्यालयों में छात्रों के नामांकन को प्रोत्साहित करने के लिए मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ (CM Yogi) शनिवार को लोक भवन में स्कूल चलो अभियान (School Chalo Abhiyan) 2023-24 की शुरुआत करेंगे। इस कार्यक्रम का प्रदेश के सभी ब्लॉकों में सीधा प्रसारण किया जाएगा। पिछले साल अप्रैल में मुख्यमंत्री योगी ने आकांक्षात्मक जिला श्रावस्ती से इस अभियान की शुरुआत की थी।
चार लाख बच्चों को किया चिन्हित
प्रदेश सरकार ने बीते चार वर्ष में स्कूल छोड़ चुके बच्चों को वापस स्कूल लाने में प्रतिबद्धता के साथ कार्य किया है। सरकार बहुत बड़ी तादाद में बच्चों का स्कूलों में नामांकन कराने में सफल रही है। हालांकि इसके बावजूद एसर 2022 के सर्वे के अनुसार सात से 16 साल की उम्र के 3.5 प्रतिशत बच्चों का अभी भी नामांकन नहीं हो सका है। इस सत्र में योगी सरकार इन बच्चों को भी वापस स्कूल लाने के लिए अभियान के तहत प्रयास करेगी।
डीजी स्कूल शिक्षा विजय किरण आनंद के अनुसार सरकारी स्कूलों में सबसे अधिक नामांकन करने में उत्तर प्रदेश सबसे आगे रहा है। बचे हुए बच्चों को भी वापस लाने के प्रयास किए जा रहे हैं। चार लाख बच्चों को हमने चिन्हित कर लिया है। गृह भ्रमण, घरेलू उद्योगों में काम करने वाले बच्चों और बेटियों को ट्रैक करने पर काफी काम किया गया है।
चलाए जाएंगे विभिन्न कार्यक्रम
स्कूल चलो अभियान (School Chalo Abhiyan) के अंतर्गत आकांक्षात्मक ब्लॉकों में चुनिंदा मॉडल स्कूलों में कार्यक्रम आयोजित किए जाएंगे। इस दौरान वहां प्रभारी मंत्री एवं जनप्रतिनिधि उपस्थित रहेंगे। इस अभियान के तहत शिक्षक ऐसे बच्चों के घरों में विजिट करेंगे जिन्होंने बीच में ही स्कूल छोड़ दिया है। खासतौर पर लड़कियों के घर का दौरा किया जाएगा। उन्हें वापस स्कूल लौटने के लिए प्रोत्साहित किया जाएगा। उनके अभिभावकों को डीबीटी के माध्यम से मिलने वाली 1200 रुपये की राशि के संबंध में भी जानकारी दी जाएगी।
इससे वो बच्चों की यूनिफॉर्म, जूते, मोजे और स्टेशनरी खरीद सकेंगे। यहीं नहीं, अभियान के तहत ऐसे स्कूलों और छात्रों पर भी फोकस किया जाएगा जिनकी अटेंडेंस रेट काफी कम है। वहीं गांवों में शिक्षा चौपाल का भी आयोजन होगा और निपुण बालक व निपुण बालिकाओं का उत्साहवर्धन होगा।
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अभिभावक-शिक्षक मीटिंग और एसएमसी बैठकें का आयोजन होगा। मैथ किट, साइंस किट, लाइब्रेरी बुक्स और अन्य प्रिंट रिच मैटेरियल के माध्यम से पेरेंट्स को क्लासरूम में हो रहे बदलाव से भी अवगत कराया जाएगा। स्टूडेंट लेवल तालिका और रिपोर्ट कार्ड डिस्ट्रिब्यूशन जैसे स्कूल लेवल असेसमेंट का भी प्रदर्शन किया जाएगा। ताकि अभिभावक बच्चों को स्कूल भेजने में योगदान दे सकें।