गोरखपुर। जिन जरुरतमंदों के राशन कार्ड नहीं हैं, उनके कार्ड बनवाओ। इलाज के लिए किसी को भटकना न पड़े। सरकारी अस्पतालों में निशुल्क जांच, इलाज व दवाओं की व्यवस्था है। यदि कोई गंभीर बीमारी से पीड़ित है तो उसके उच्च स्तरीय इलाज में सरकारी आर्थिक सहायता के लिए इस्टीमेट की प्रक्रिया तेजी से पूरी की जाए। सरकार जन कल्याण के संकल्प की बुनियाद पर खड़ी है इसलिए जन कल्याण के कार्यों में कोताही किसी भी दशा में नहीं होनी चाहिए। जन समस्याओं का निस्तारण शीघ्रता से और सन्तुष्टिपरक होना चाहिए।
ये निर्देश मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ (CM Yogi) ने रविवार को गोरखनाथ मंदिर में आहूत जनता दर्शन के दौरान अलग अलग तरह की फरियाद सुनने के बाद अधिकारियों को दिए। मंदिर परिसर स्थित महंत दिग्विजयनाथ स्मृति सभागार के सामने आयोजित जनता दर्शन में मुख्यमंत्री ने करीब ढाई घंटे फरियादियों के बीच बिताए। कुर्सियों पर बैठाए गए लोगों तक खुद पहुंचे। बड़े इत्मीनान से उनकी समस्याओं को सुना और उन्हें आश्वस्त किया हर समस्या का निस्तारण किया जाएगा। जनता दर्शन में मुख्यमंत्री ने करीब एक हजार लोगों की फरियाद सुनी। इसमें बड़ी संख्या महिलाओं, खासकर अल्पसंख्यक समुदाय की रही।
अल्पसंख्यक समुदाय की एक महिला ने सीएम योगी से अपनी खराब आर्थिक स्थिति का हवाला देकर रोजगार दिलाने की गुहार की। साथ ही बताया कि उसके पास राशन कार्ड भी नहीं है। मुख्यमंत्री ने उसे आश्वस्त किया कि राशन कार्ड भी बनेगा और काम की व्यवस्था भी कराई जाएगी। इसे लेकर उन्होंने अधिकारियों को मौके पर ही निर्देशित भी किया। एक अन्य अल्पसंख्यक महिला ने इलाज के लिए आर्थिक सहायता की फरियाद की। सीएम ने उसे भरोसा दिलाया कि पैसे के अभाव में इलाज नहीं रुकने पाएगा। अस्पताल का इस्टीमेट मिलते ही धन उपलब्ध करा दिया जाएगा। कुछ फरियादियों ने जमीन पर दबंगों द्वारा कब्जा किए जाने या मकान निर्माण में बाधा डालने की शिकायत की। इस पर सीएम योगी के तेवर सख्त हो गए। उन्होंने पुलिस अफसरों को हिदायत देते हुए कहा कि किसी भी गरीब की जमीन पर कब्जा करने वालों को करारा सबक सिखाया जाए। कोई अपनी भूमि पर निर्माण करा रहा हो तो बेवजह बाधा डालने वालों के खिलाफ कानूनी कार्यवाही की जाए।
मुख्यमंत्री ने हर फरियादी को यह भरोसा दिया कि उनके रहते किसी को चिंता करने की जरूरत नहीं है। उनकी सभी समस्याओं का निस्तारण करना सरकार की प्राथमिकता है। जनता दर्शन में अपने परिजनों के साथ आए बच्चों को दुलारते हुए मुख्यमंत्री ने उन्हें चॉकलेट दिया। उनकी पढ़ाई के बारे में पूछा। एक बच्चे ने स्कूल न जाने की बात कही। इस पर मुख्यमंत्री ने उसकी माता को समझाते हुए कहा कि बेहतर भविष्य के लिए बच्चे को स्कूल अवश्य भेजिए। सरकार ने मुफ्त शिक्षा के साथ बैग, कॉपी-किताब, यूनिफॉर्म, जूता-मोजा सबकी व्यवस्था कर रखी है।